Sunday, March 16, 2025

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अब्बू मैं बेकसूर हूं, अबूधाबी की जेल में फांसी से पहले आखिरी कॉल में बोली थी शहजादी

‘मेरी बेटी शहजादी अबूधाबी की जेल से दो-तीन महीने में एक बार कॉल करती थी। उसकी आखिरी कॉल 14 फरवरी को आई। उस दिन वह रो-रोकर अपनी बेगुनाही बता रही थी। उसने कहा था कि मेरे मालिक का बच्चा बीमारी से मरा और मुझ पर कत्ल का इल्जाम लगा दिया। किसी ने मेरी बात नहीं सुनी और कोर्ट ने फांसी का हुक्म दे दिया है। अब कभी भी ये लोग मुझे फांसी पर लटका देंगे।’ 70 साल के शब्बीर यह बताते हुए फफक पड़े।

यूपी के बांदा जिले के मटौंध थानाक्षेत्र के गोयरा मुगली गांव निवासी शब्बीर अहमद ने बताया कि उनकी बेटी शाहजादी की उम्र 33 वर्ष थी। बचपन से ही जैसे बदनसीबी उसका पीछा कर रही थी। वह बचपन में एक दुर्घटना में जल गई। हम बेहतर इलाज नहीं करा सके तो उसका रूप-रंग खराब हो गया। उसने हालात से मिली बदसूरती के साथ जीना भी सीख लिया था लेकिन किस्मत में उसकी परदेस में ऐसी दुखदायी मौत ही लिखी थी।

शब्बीर बताते हैं-कोरोना के बाद आगरा का एक लड़का शाहजादी के संपर्क में आया। उसने कहा कि शाहजादी का अबूधाबी में इलाज करा देगा। चेहरे से जलने के निशान खत्म हो जाएंगे। ऐसा झांसा देकर 22 दिसंबर 2022 को उसने शहजादी को अबूधाबी में अपनी बहन के पास भेज दिया। वहां पति-पत्नी ने शहजादी का डोमेस्टिक वर्कर वीजा बनवाकर बंधक बना लिया। फरवरी 2023 में दंपति के चार माह के बेटे की बीमारी से मौत हो गई। शाहजादी पर बच्चे के कत्ल का इल्जाम मढ़ दिया। अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी।

उसे जेल में रखा गया था, जहां से उसे दो-तीन महीने में एक बार घर कॉल करने की इजाजत थी। वह जब भी फोन करती थी, अपनी बेगुनाही बताती थी। अपनी मां से उसने कहा था, ‘अम्मी मैं उस बच्चे को बड़े प्यार से रखती थी। उसे क्या मैं किसी को कत्ल करने की सोच तक नहीं सकती। बच्चा बीमारी से गुजर गया। मुझे बहुत दुख था लेकिन बच्चे के वालदैन ने मुझे कातिल मान कर मुकदमा कर दिया। अब शायद कभी आप लोगों से नहीं मिल पाऊंगी।’

14 फरवरी की रात अल-बतवा जेल से बेटी का फोन का आया। 10 मिनट तक बात हुई। बेटी रोते हुए यही कहती रही कि अब्बू अंतिम कॉल है। अब कभी बात नहीं होगी। शब्बीर के मुताबिक, उस रात बेटी ने जेल के अलग कमरे में रखे जाने की बात बताई थी। 20 फरवरी को विदेश मंत्रालय से मदद मांगी। लेकिन कोई जवाब नहीं आया। दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सोमवार को सुनवाई के दौरान विदेश मंत्रालय से जानकारी दी गई कि 15 फरवरी को ही शहजादी को फांसी हो चुकी थी। बुधवार को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

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