विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को रूड़की से एक बड़ा झटका लगा है। भाजपा के 29 पार्षदों में से 14 पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बागी पार्षदों ने पत्रकार वार्ता कर बताया कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य नही कराए जा रहे है जो प्रस्ताव उन्होंने बोर्ड बैठक में रखे थे। इस दौरान उन्हें कुछ बीजेपी के पार्षदों पर कांग्रेस व बीएसपी के पार्षदों के साथ मिलकर विकास कार्य रुकवाने की बात कही। जिससे क्षेत्र का विकास कार्य अवरुद्ध हुआ है।
साथ ही बोर्ड बैठक के दो दिन बीत जाने के बाद भी भाजपा आलाकमान ने संज्ञान नही लिया है। इसी बात से नाराज़ होकर भाजपा के 14 पार्षदों ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि रुड़की नगर निगम की बोर्ड बैठक के 2 दिन बाद भाजपा को बड़ा झटका लगा है। नगर निगम के 14 भाजपा पार्षदों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा छोड़ने वाले पार्षदों का आरोप है कि भाजपा का बोर्ड होने के बावजूद भी नगर निगम में पार्षदों के क्षेत्र में इस तरह के विकास कार्य नहीं हो पाए जिस तरह से वह चाह रहे थे।
पार्षदों का आरोप है कि भाजपा का पार्षद बनने के बाद लगातार उनके क्षेत्र की उपेक्षा होती रही है और नगर निगम के अधिकारी भाजपा पार्षदों की उपेक्षा करते रहे है। हाल ही में हुई बोर्ड बैठक के दौरान जो प्रस्ताव उन्होंने रखे उनको भी कुछ भाजपा के पार्षदों ने कांग्रेस व बीएसपी पार्षदों के साथ मिलकर रुकवा दिया। ऐसे हालातों में एक जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की जवाबदेही उनकी है इसलिए वह भारतीय जनता पार्टी से सामुहिक रूप से इस्तीफा दे रहे है। वहीं पार्षदों ने ये भी कहा कि सभी पार्षद बैठक कर आगे की रणनीति बनाएंगे।