उत्तरकाशी आपदा: छह बार आया मलबे का सैलाब, मैदान में तब्दील हुआ धराली; सुरक्षित खड़ा रहा समेश्वर देवता का मंदिर

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धराली गांव में खीर गंगा में आए सैलाब का कहर मंगलवार देर शाम तक चलता रहा। दोपहर में जहां पानी के साथ बहकर आए मलबे ने धराली बाजार को तबाह कर दिया था। वहीं देर शाम तक करीब पांच से छह बार बह कर आए मलबे ने नदी के दूसरी ओर ग्रामीणों के घरों को भी जमींदोज कर दिया। इतनी तबाही के बावजूद यहां स्थित समेश्वर देवता मंदिर को कोई क्षति नहीं हुई, जबकि इसके आसपास के घर मलबे में दब गए।

धराली गांव में बीते मंगलवार दोपहर करीब 1:50 बजे खीर गंगा में पानी और मलबे का एक ऐसा सैलाब आया जिसने 20 से 30 सेकेंड के भीतर पूरे धराली बाजार को तबाह कर दिया।

यहां मौजूद होटल, दुकानें और बगीचों के साथ ही पांडवकालीन कल्प केदार मंदिर इस सैलाब में जमीदोंज हो गया। जबकि कई लोग भी मलबे में दब गए। कितने लोग मलबे में दबे हैं इसकी संख्या अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है।

इस सैलाब के बाद भी खीर गंगा से मलबे का आना बंद नहीं हुआ। देर शाम तक करीब पांच से छह बार मलबे का सैलाब नीचे आता रहा। खीर गंगा के दूसरी ओर ग्रामीणों के घर भी इस मलबे की चपेट में आ गए। देर रात तक धराली गांव में बने बॉस्केटबाल मैदान से लेकर पूरा बाजार क्षेत्र और भागीरथी नदी के किनारे के करीब एक किमी क्षेत्र ने मैदान का रूप ले लिया।

इस तबाही के बीच समेश्वर देवता मंदिर और कुछ भवन पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन घरों में रह रहे लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

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