उत्तरकाशी में जलप्रलय: मलबे के बीच जिंदगी की तलाश…राहत-बचाव कार्यों में जुटे 225 से अधिक जवान, तस्वीरें

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बादल फटने के बाद धराली गांव और हर्षिल स्थित सेना के कैंप में आए मलबे में दूसरे दिन बुधवार को भी जिंदगियों को तलाशने का अभियान जारी रहा। सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें लगातार खोज और बचाव कार्य में जुटी रहीं।

इस दौरान धराली के एक 32 वर्षीय युवक आकाश पंवार का शव मलबे से बरामद किया गया। हर्षिल में मलबे में फंसे 11 घायल जवानों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया। उन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से जिला अस्पताल, आईटीबीपी अस्पताल और देहरादून भेजा गया।

वहीं, सेना के अनुसार, बादल फटने के बाद भारतीय सेना ने एक त्वरित और समन्वित मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियान शुरू किया है। कई सड़कों के टूटने और एक पुल के ढह जाने के कारण यह क्षेत्र वर्तमान में उत्तर और दक्षिण दोनों से कटा हुआ है।

225 से अधिक सैन्यकर्मी, जिनमें पैदल सेना और इंजीनियरिंग टीमें शामिल हैं, खोज, बचाव और राहत कार्यों के लिए ज़मीन पर तैनात हैं। टेकला के पास रीको रडार के साथ सात टीमें काम कर रही हैं। हर्षिल में खोज एवं बचाव कुत्ते तैनात हैं।

बता दें कि मंगलवार को हर्षिल घाटी में तीन जगह बादल फटने से आए सैलाब व मलबे की वजह से धराली गांव में कई बहुमंजिला होटल और रेस्टोरेंट जमींदोज हो गए थे। वहीं कई लोग मलबे में फंस गए थे।

हर्षिल स्थित सेना के कैंप के 21 जवान भी लापता हो गए थे। घटना की सूचना मिलते ही सबसे पहले सेना और आईटीबीपी के जवान मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया। हालांकि पहले दिन खीर गंगा में बार-बार आ रहे मलबे और गंगोत्री हाईवे के जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रशासनिक अमला और अन्य राहत टीमें घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाईं थीं।

बुधवार को मौसम खुलने के बाद हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी और बचाव दल मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन के अनुसार अभी भी मलबे में धराली के 8 स्थानीय युवक, 2 नेपाली मूल के व्यक्ति और सेना के 10 जवान लापता हैं। उन्हें ढूंढने के लिए बचाव अभियान जारी है।

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