उत्तराखंड की हल्द्वानी जेल में बंद कैदियों की सेहत का भरपूर ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए पौष्टिक और संतुलित भोजन उन्हें दिया जाता है। जेल प्रशासन इन बंदियों के भोजन पर प्रति माह लाखों रुपये खर्च करता है। आंकड़ों के मुताबिक, साल में करीब 40 हजार रुपये एक बंदी पर खर्च होते हैं।
जेल प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में हल्द्वानी उप कारागार में 1156 बंदी हैं। इनमें से 1110 पुरुष और 46 महिलाएं हैं। हालांकि इनकी संख्या घटती-बढ़ती रहती है। प्रत्येक बंदी की भोजन व्यवस्था पर प्रतिदिन 110 रुपये खर्च आता है। सालभर की बात करें तो एक बंदी पर करीब 40 हजार रुपये खर्च आता है। इस तरह हल्द्वानी जेल प्रशासन 1156 बंदियों पर प्रतिमाह 35 लाख रुपये से अधिक खर्च करता है।
इन्हें सुबह के समय 20 ग्राम बिस्किट, चाय दी जाती है। इसके बाद दोपहर में दाल, चावल, सब्जी और रोटी परोसी जाती है। ऐसा ही खाना रात में दिया जाता है। समय-समय पर मेडिकल टीम उनका जेल के भीतर ही परीक्षण भी करती है।
कुपोषित कैदी हो रहे जेल में सेहतमंद
नशे की तस्करी में सलाखों के पीछे पहुंच रहे कुपोषित बंदी जेल की रोटी-दाल खाकर सेहतमंद हो रहे हैं। हल्द्वानी जेल में पिछले एक साल में लगभग 250 बंदी ऐसे आए, जिन पर नशे की तस्करी, शराब पीने, बेचने के आरोप थे। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के समय नैनीताल और यूएस नगर के इन आरोपियों का वजन महज 45 से 50 किलो के बीच रहा, जबकि इनकी आयु 19 साल से 40 वर्ष के बीच रही। सात-आठ महीने सलाखों के पीछे रहने के बाद इनका वजन 75 से 80 किलो तक पहुंच गया।
प्रमोद पांडे, अधीक्षक, हल्द्वानी उप कारागार ने कहा, “जेल में डाइट चार्ट फिक्स है। अब व्यंजनों में कुछ बदलाव किया है। बंदियों की सेहत को लेकर जेल प्रशासन सुरक्षा बरतता है। उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है।”