उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के सुगम-दुर्गम कोटिकरण की खामियों की वजह से इस साल 2025 तबादलों पर रोक भी लग सकती है। नैनीताल हाईकोर्ट ने शिक्षकों की एक रिट पर उत्तराखंड सरकार से पूछा है कि क्यों न तबादला सत्र को शून्य सत्र घोषित कर दिया जाए?
हाईकोर्ट शिक्षा सचिव को मुख्य सचिव से परामर्श कर पक्ष रखने के निर्देश दे चुका है। हाईकोर्ट के नौ अप्रैल के इस आदेश के बाद शिक्षा विभाग में खलबली का माहौल है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने सोमवार को बताया कि इस विषय पर कार्मिक विभाग से राय ली जा रही है।
शिक्षा महानिदेशालय ने इस बाबत शासन को पत्र भेजते हुए दिशानिर्देश मांगे हैं। महानिदेशक-शिक्षा झरना कमठान ने इसकी पुष्टि की। वहीं, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व में 13 फरवरी को भी हाईकोर्ट ने सुगम और दुर्गम कोटिकरण के आधार पर कुछ शिक्षकों के तबादले रोकने के आदेश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार हाईकोर्ट ने कहा कि सुगम और दुर्गम का कोटिकरण काफी अस्पष्ट है। कोटिकरण की कोई विधि तय नहीं की गई है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कई विसंगतियों की ओर ध्यान खींचते हुए कहा कि इन पहलू की जांच करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने चाहिए।