उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का अलग ही आलम है, कही विद्यालय में बच्चे है लेकिन अध्यापकों की भारी कमी है, तो कही बच्चे बेहद कम है वहां बच्चों से अधिक अध्यापकों की तैनाती की गई है। जिससे बच्चे शिक्षा ग्रहण नही कर पा रहे है। अधिकारीयों को सभी जानकारी होने के बाद भी वह इसपर कोई कार्यवाही करते दिखाई नही दे रहे है।
ऐसा ही नजारा उत्तराखंड के विकासनगर ब्लॉक के दूरस्थ प्राथमिक विद्यालय पष्टा में देखने हो मिल रहा है। जहां कई साल से छात्र संख्या लगातार घटती जा रही है। वर्तमान शिक्षा सत्र में इस विद्यालय में मात्र दो छात्र अध्ययनरत हैं। इन दो छात्रों के लिए विभाग ने पहले से ही दो शिक्षक तैनात किए थे। हाल ही में हुई पदोन्नति के दौरान यहां हेडमास्टर की तैनाती भी कर दी गई है। अब विद्यालय में छात्र दो और शिक्षक तीन हो गए हैं।
ऐसा नहीं है कि विद्यालय में छात्र संख्या की वास्तविक जानकारी अधिकारियों को नहीं थी। एक ओर जहां देश के स्कूलों में कम शिक्षक होने का दावा किया जाता है वहीं इस स्कूल में छात्रों से ज्यादा शिक्षक हैं। हर साल शिक्षा सत्र की शुरुआत में ब्लॉक से लेकर जिला और निदेशालय स्तर तक प्रत्येक विद्यालय की छात्र संख्या मुहैया कराई जाती है। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से पोर्टल भी बनाया गया है। चहेते शिक्षकों को मनमाफिक तैनाती देने के लिए यह किया गया है। वहीं, प्राथमिक विद्यालय ढकरानी में पहले से ही हेडमास्टर तैनात हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने विद्यालय की सहायक अध्यापिका को इसी विद्यालय में पदोन्नति दे दी है।
खंड शिक्षाधिकारी वीपी सिंह ने कहा-मैंने अभी पदोन्नति सूची देखी नहीं है। जिस भी स्कूल में मानक से अधिक शिक्षकों की तैनाती होगी, उन्हें जल्द ही अन्य विद्यालय में समायोजित किया जाएगा। जिस स्कूल में दो हेडमास्टर हैं, वहां से एक हेडमास्टर को अन्य विद्यालय में तैनात किया जाएगा। मामला संज्ञान में आने पर शिक्षिका की पदोन्नति निरस्त कर दी गई है।