Sunday, November 24, 2024

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उत्तराखंड में बन रहा सिग्नेचर ब्रिज फिर टूटा, 3 साल से बन रहा है पुल; दूसरी बार हुआ हादसा

उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग के नरकोटा में ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर बन रहे सिग्नेचर पुल का एक हिस्सा गुरुवार शाम को ढह गया। हालांकि अच्छी बात यह रही कि उस वक्त पुल के टॉवर में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिसके चलते किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है। साथ ही ब्रिज के आसपास भी कोई हताहत नहीं हुआ है। इससे पहले साल 2022 में भी यह पुल गिर गया था, जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गई थी।

शुक्रवार को हुए हादसे की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि नरकोटा में रेलवे की मदद से करीब 66 करोड़ रुपए की लागत से सिग्नेचर पुल का निर्माण किया जा रहा है। इस पुल की कुल लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 29 मीटर है। इसका निर्माण साल 2021 से जारी है और इसे आरसीसी कंपनी बना रही है।

वर्तमान में पुल पर इरेक्शन टॉवर का काम चल रहा था। गुरुवार को शाम 4 बजकर 10 मिनट पर अचानक इरेक्टशन एलीमेंट टूटने के कारण पुल का एक हिस्सा धराशाई हो गया है। हालांकि पुल का फाउंडेशन पूरी तरह सुरक्षित है। घटना की सूचना मिलते ही उप जिलाधिकारी आशीष घिल्डियाल, आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, पुलिस उपअधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल मौके पर पहुंच गए।

इस बारे में जानकारी देते हुए श्रीनगर NH PWD के इंजीनियर तनुज काम्बोज ने कहा, ‘नरकोटा में निर्माणाधीन सिग्नेचर पुल में EPC डिजाइन पर आरसीसी कंपनी द्वारा इरेक्शन एलीमेंट जोड़ने का काम किया जा रहा था। पुल का कार्य प्रगति पर था किंतु अचानक इरेक्शन एलीमेंट क्षतिग्रस्त होने से एक हिस्सा गिर गया है। जबकि फाउंडेशन पूरी तरह ठीक है। मामले में कंपनी से स्पष्टीकरण लेते हुए जांच की जाएगी।’

प्रशासन ने कहा- नोटिस देकर कार्रवाई करेंगे

इस घटना को लेकर उप-जिलाधिकारी आशीष घिल्डियाल ने बताया कि शुक्र रहा कि हादसे में किसी तरह कोई जनहानि नहीं हुई है। प्रशासन द्वारा एनएच लोनिवि श्रीनगर को लापरवाही बरते जाने पर नोटिस दिया जाएगा। जाए साथ ही स्पष्टीकरण मांगते हुए इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जाएगी। एसडीएम ने बताया कि पुल का फाउंडेशन ठीक है जबकि इरेक्शन टॉवर र टूट गया है।

दो साल पहले भी हुआ था हादसा, हुई थी दो लोगों की मौत

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 20 जुलाई 2022 को सुबह 9 बजे नरकोटा के पास इसी निर्माणाधीन पुल की शटरिंग पलटने से दो मजदूरों की दबने से मौत हो गई थी, जबकि 8 घायल हो गए थे। उस वक्त तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देशों पर मामले में उच्च स्तरीय जांच के साथ ही कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। जबकि पुलिस ने मृतकों के परिजनों की तहरीर पर काम करने वाली कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित तीन लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था। जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी।

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