उत्तराखंड में 8 शहरों में ज्यादा बिजली चोरी, शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में भी करोड़ों का नुकसान

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उत्तराखंड में सिर्फ आठ शहरों का ही एटीएंडसी लॉस राज्य के अन्य 114 शहरों पर भारी पड़ रहा है। इन आठ शहरों में 27 प्रतिशत से लेकर 69 प्रतिशत तक लाइन लॉस हो रहा है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह बिजली चोरी और बिजली बिलों का भुगतान न करना है। इस नुकसान के मामले में पहाड़ का सिर्फ जोशीमठ और अन्य सात शहर हरिद्वार और यूएसनगर के हैं।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा निगम के एटीएंडसी लॉस और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस का ब्यौरा अपने विस्तृत टैरिफ ऑर्डर में जारी किया है। इसमें बताया गया है कि लक्सर, लंढौरा, मंगलौर, सितारगंज, खटीमा, गदरपुर, जसपुर, जोशीमठ में सबसे अधिक वित्तीय और ट्रांसमिशन लॉस हो रहे हैं। इसी के साथ ही इन शहरों में सबसे अधिक पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन लॉस है।

इसका सीधा खामियाजा पूरे उत्तराखंड की जनता को महंगी बिजली के रूप में भुगतना पड़ रहा है। इन आठ शहरों का खामियाजा उत्तराखंड के अन्य 114 शहरों को भुगतना पड़ रहा है। उत्तराखंड में ऊर्जा निगम के 46 डिवीजन हैं।

इन 46 डिवीजनों में 19 पहाड़ और 27 मैदान में हैं। इसी तरह कुल 122 सब डिवीजन हैं। इनमें 51 पहाड़ और 71 मैदान में हैं। विधि सदस्य नियामक आयोग अनुराग शर्मा ने बताया कि टैरिफ ऑर्डर में ऊर्जा निगम को सख्त लहजे में साफ कर दिया गया है कि हर हाल में इस लॉस को कम किया जाए।

इसके लिए ऊर्जा निगम के कार्यों की नियमित निगरानी की जाएगी। नियमित रूप से कार्यों का ब्योरा लिया जाएगा। एनर्जी ऑडिट सुनिश्चित किया जाएगा। ओएंडएम और कैपिटल मद में होने वाले खर्चों पर भी नजर रखी जाएगी।

बढ़ता जा रहा है नुकसान

वर्ष 2021-22 में ऊर्जा निगम का कुल डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 14.70 प्रतिशत रहा। 2022-23 में ये बढ़ कर 16.39 प्रतिशत पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ये कुछ कम 15.63 प्रतिशत रहा।

एक हजार करोड़ का नुकसान

ऊर्जा निगम को हर साल वित्तीय और ट्रांसमिशन लॉस से सालाना एक हजार करोड़ का नुकसान होता है। हालांकि, उत्तराखंड में बिजली चोरी रोकने को विभाग की ओर से सख्त अभियान भी चलाया जा रहा है।

नुकसान का ब्योरा

शहर नुकसान

गदरपुर 30.58

जसपुर 27.00

जोशीमठ 53.92

खटीमा 53.00

लक्सर 27.00

लंढौरा 69.40

मंगलौर 47.62

सितारगंज 27.25

नुकसान प्रतिशत में

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