दो सगी बहनों ने मृतक आश्रित कोटे का लाभलेने के लिए एक ही व्यक्ति की पत्नी होने का दावा किया है। दोनों ने खुद को मृतक कर्मचारी की असली पत्नी बताते हुए सेवजनित लाभ देने की मांग की है। उनकी याचिकाओं पर सुनवाई के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृतक कर्मचारी की सर्विस बुक कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। एटा निवासी गौरी शर्मा और स्नेहलता शर्मा की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया सुनवाई कर रहे हैं। इस मामले में जांच की जा रही है कि कौन मृतक की असली पत्नी है।
बताया जा रहा है कि मृतक कर्मचारी चंद्रदेव शर्मा बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक थे। सेवा काल में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी स्नेहलता शर्मा ने पेंशन और फंड के प्रार्थना पत्र दिया। उसी समय उनकी सगी बहन गौरी शर्मा ने भी एक प्रार्थना पत्र पेंशन और फंड भुगतान के लिए दिया। दोनों बहनों ने दावा किया कि वह चंद्रदेव की विधिक पत्नी हैं। दोनों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। स्नेहलता के वकील पुनीत कुमार शुक्ला ने आरोप लगाया कि गौरी शर्मा ने सर्विस रिकॉर्ड में हेर फेर कर अपना नाम दर्ज करवा लिया है। इस पर कोर्ट ने बीएसए एटा को मृतक कर्मचारी का मूल सर्विस रिकॉर्ड अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट का कहना है कि बीएसए एटा मृतक से जुड़े मूल सर्विस रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करेंगे। इन्हीं रिकॉर्ड में मृतक की पत्नी का नाम दर्ज होगा। रिकॉर्ड में दर्ज नाम के आधार पर मृतक आश्रित कोटे का लाभ सही दावेदार को दिया जाएगा। साथ ही मामले में जांच की जा रही है। जल्द रिकॉर्ड आने के बाद कोर्ट आगे की सुनवाई करेगा। कोर्ट ने दोनों महिलाओं की याचिका के आधार पर बीएसए को कोर्ट में रिकॉर्ड पेश करने के लिए निर्देश जारी किए हैं।