राष्ट्रीय खेलों के लिए अब 110 दिन शेष रह गए हैं। खेलों के आयोजन के लिए सरकार काफी पहले से तैयारी कर रही है लेकिन अभी कई काम बाकी हैं। ऐसे में अब सरकार के सामने खेलों से जुड़े सभी काम पूरी गुणवत्ता के साथ तय समय के भीतर पूरा करने की चुनौती होगी। राज्य में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होने जा रहा है। ऐसे में सरकार इस आयोजन को भव्य तरीके से कराने की तैयारी कर रही है।
खेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय खेलों से जुड़ी तैयारियां पिछले एक डेढ़ साल से चल रही हैं। लेकिन अभी कई काम होने बाकी हैं। जैसे रुद्रपुर में अभी तक साइकिलिंग के लिए वेलोड्रम पूरी तरह तैयार नहीं हो पाया है। राज्य के कई अन्य खेल मैदानों में अभी फर्नीसिंग आदि के काम होने हैं। साथ ही राष्ट्रीय खेलों के लिए कई अंतराष्ट्रीय स्तर के उपकरणों की जरूरत होगी जो विदेशों से खरीदे जाने हैं। अभी तक खेलों की तिथि तय न होने की वजह से सरकार यह उपकरण नहीं खरीद पाई थी। लेकिन अब तिथि तय होने के बाद यह उपकरण जल्द ही खरीदे जाने हैं। इसके साथ ही आयोजन स्थलों को लेकर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
गठित हो चुकी कमेटी
राज्य सरकार खेलों की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी गठित कर चुकी है। यह कमेटी खेलों के आयोजन से जुड़ी तैयारियों को लेकर फैसला लेती है और किसी भी प्रकार की जरूरत होने पर प्रस्ताव सीधे हाईपावर कमेटी को भेजे जाते हैं। इसमें सभी प्रमुख विभागों के सचिवों को शामिल किया गया है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा, ‘सरकार लंबे समय से राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की तैयारियों में जुटी हुई है। प्रमुख तैयारियां पहले ही पूरी की जा चुकी हैं। तिथि तय न होने की वजह से जो काम लटके हुए थे उन्हें भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। आयोजन की भव्यता में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।’
500 करोड़ आएगा खर्च, 250 करोड़ बजट
राज्य में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए सरकार ने अपने बजट में 250 करोड़ का प्रावधान किया है। हालांकि जानकारों का कहना है कि इस आयोजन पर 400 से 500 करोड़ के बीच खर्चा आना तय है। ऐसे में सरकार को खेलों के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान करना होगा। हालांकि सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन भव्य तरीके से कराया जाएगा। ऐसे में इस आयोजन में बजट की कमी आड़े नहीं आएगी।