नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने केदारनाथ गर्भ गृह में सोना दान किए जाने के मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और इसकी जांच सीबीआई और ईडी से कराए जाने की मांग की है। इस मामले में यशपाल आर्य ने बुधवार को प्रकरण से जुड़े कई बिंदु मीडिया से साझा किए।
यशपाल आर्य ने केदारनाथ गर्भ गृह में सोने की परत लगाने के संबध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि महाराज ने अपने बयान में कहा था कि जब दानदाता ने 23 किलो की पर्ची कटवाई तो 228 किलो सोना कैसे गायब हुआ?
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि अक्तूबर 2022 में मंदिर के कपाट बंद होने से पहले जब सोना लगा, तब मीडिया में व्यापक रुप से प्रचारित किया गया कि 228 किलो सोना लगा है। यदि 228 किलो सोना लगाने की खबर गलत थी तो मंदिर समिति या सरकार को तुरंत इसका खंडन करना चाहिए था।
यशपाल आर्य ने कहा कि उस समय प्रकाशित खबरों से पता चला था कि, मंदिर समिति के अध्यक्ष ने तब केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र भेजकर कहा था कि इतनी अधिक मात्रा में सोना लगने के बाद केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा केन्द्रीय सुरक्षा बलों को दी जानी चाहिए।
यशपाल आर्य ने कहा कि इस मामले में स्वयं मंदिर समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से घोटाले की आशंका व्यक्त करते हुए जांच की मांग की थी। मामला बढ़ने पर धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने स्वयं धर्मस्व सचिव को सोना लगाने के मामले की जांच करने को निर्देशित किया था। महाराज ने 23 जून को ट्वीट कर अपने आदेश की जानकारी सार्वजनिक की थी। तब उन्होंने कहा था कि सोने के मामले में वे जल्दी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार या महाराज को मंदिर समिति की उस बैठक के कार्यवृत्त को जारी करना चाहिए।
जिसमें समिति की ओर से सर्वसम्मति के साथ सोना दान लेने का निर्णय लिया गया था। उस अधिकारी या कर्मचारियों की समिति का खुलासा करना चाहिए, जिसकी देखरेख में सोने को परतों में बदला गया और फिर तांबे के ऊपर कोटिंग कर लगाया गया।