भले ही राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राजनीतिक मंचों से अपनी पीठ क्यों ना थपथपाती नज़र आती हो, लेकिन उधम सिंह नगर के एक सरकारी हॉस्पिटल ने इनकी पोल खोल कर रख दी है। मामला भी ऐसा जिसने पूरे स्वास्थ्य महकमे में खलबली मचा दी। जहां प्रसव को आई एक महिला ने केलाखेड़ा सरकारी हॉस्पिटल में उचित इलाज़ ना मिलने पर हॉस्पिटल गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। जिसके बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। जिसके बाद स्वास्थ्य महकमें ने मौजूदा नर्स का ट्रांसफर कर दिया।
आपको बता दें कि उधम सिंह नगर के सरकारी हॉस्पिटल केलाखेड़ा में हॉस्पिटल के बाहर मेन गेट पर ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। केलाखेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह तड़के नूरी नमक एक महिला के पेट में प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन उसको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा लेकर पहुंचे, तो वहां पर उपस्थित निधि संविदा स्टाफ नर्स ने महिला के बच्चा पेट में उल्टा बताते हुए गर्भवती महिला को बाजपुर के सरकारी हॉस्पिटल रेफर करने की बात कही गई।
महिला के परिजन उसको अस्पताल के गेट तक ही लेकर पहुंचे की महिला की डिलीवरी अस्पताल के गेट पर ही हो गई। मोहल्ले की महिलाओं के द्वारा गेट पर ही बच्चे को जन्म दिलवाया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर बच्चे के जन्म लेने की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। जहां भारी संख्या में लोग एकत्र हो गए। जहां लोगों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
मामले की सूचना मिलने पर उधम सिंह नगर के डिप्टी सीएमओ तपन शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जहां उन्होंने मामले का जायजा लिया और लोगों की समस्या को सुना। डिप्टी सीएमओ तपन शर्मा ने बताया की जैसे ही उन्हें मामले की सुचना मिली वैसे ही मौक़े पर आकर उन्होंने जायजा लिया। जिसके बाद मौक़े पर स्टॉफ नर्स का ट्रांसफर कर दिया है, बाकी कारवाही जांच के बाद की जाएगी।
वही नगर पंचायत अध्यक्ष अकरम पठान ने बताया की सरकारी अस्पताल में एक महिला का अस्पताल गेट पर ही महिला का प्रसव हो गया। जिसके बाद डॉ की लापरवाही समाने आई है। उन्होंने कहा कि कुछ मांगे अधिकारियों द्वारा मानी गई हैं और जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है।