गैंगरेप पीड़िता ने खुद को आग लगाकर दी जान, पंचायत बना रही थी नाबालिग के परिजन पर सुलह करने का दबाव

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एक गांव में गैंगेरप का आरोप लगाकर आत्मदाह की कोशिश करने वाली किशोरी की निजी मेडिकल कॉलेज ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। किशोरी के परिजनों का आरोप है कि सोमवार को छात्रा को पड़ोस के ही दो लड़के जबरन गन्ने के खेत में खींच ले गए थे और उसके साथ गैंगरेप किया था। मंगलवार सुबह घटना से दुखी किशोरी ने खुद पर डीजल डालकर आग लगा ली थी और देर शाम उसकी मौत हो गई। पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ कर रही है।

उत्तर प्रदेश के बरेली के भोजीपुरा के एक गांव निवासी किशोरी के पिता ने बताया कि उनकी 13 साल की बेटी नौवीं की छात्रा थी। 26 अगस्त को वह पत्नी के साथ एक रिश्तेदार के घर गए थे। सोमवार दोपहर में उसकी बेटी कपड़े डालने घर के बाहर गई। आरोप है कि इसी दौरान पड़ोस के दो लड़कों ने उसे जबरन गन्ने के खेत में खींच लिया और उसके साथ गैंगरेप किया। छात्रा की चीख सुनकर बहन बचाने आई तो दोनों आरोपी भाग निकले।

किशोरी के पिता ने आरोपी लड़कों के घरवालों से भी घटना की शिकायत की। मंगलवार की सुबह किशोरी का पिता खेत में काम करने गए थे। इसी दौरान सूचना मिली कि बेटी ने खुद को आग लगा ली है। गंभीर रूप से जली किशोरी को बरेली के एक निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। निजी मेडिकल कालेज ले जाते समय मंगलवार देर शाम रास्ते में छात्रा की मौत हो गई।

एसपी उत्तरी मुकेश मिश्र ने बताया कि भोजीपुरा थाने में मृतका के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद जो तथ्य प्रकाश में आएंगे, उन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गैंगरेप छिपाने को रात में हुई थी पंचायत

गैंगरेप की घटना के दो दिन बाद पुलिस पहुंची। पीड़िता किशोरी के आत्मदाह के बाद घर वालों पर लगातार सुलह करने के लिए दबाव बनता रहा। रात में गांव में पंचायत भी हुई लेकिन किशोरी के परिजन समझौता करने को तैयार नहीं हुए। सुबह ही किशोरी ने खुद को आग लगा ली और उसकी मौत के बाद गैंगरेप का मामला थाने तक पहुंचा।

बीते 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व था और किशोरी के माता-पिता एक रिश्तेदार के यहां गए थे। शाम को घर आए तो घटना का पता चला। उसी समय किशोरी के पिता ने अपने छोटे भाई को आरोपी लड़कों के घर भेज कर उनके घर वालों को बुलाकर लाने को कहा था। लेकिन दोनों आरोपी लड़के पहले ही भाग गए थे। उस रात दोनों परिवारों में देर रात तक बातचीत हुई थी। किशोरी के घरवालों पर समझौता करने और बात वहीं खत्म करने का दबाव भी बनाया जा रहा था। इस मामले में मृत किशोरी के घरवालों ने बताया कि इस घटना से किशोरी दुखी और क्षुब्ध थी। अगले दिन जब पिता खेत में चले गए तो उसने खुद को आग लगाकर जान दे दी।

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