उत्तराखंड के उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में ठीक दिवाली के दिन भूस्खलन से टनल के भीतर फंसे 41 श्रमिको में 23 वर्षीय एक युवक पुष्कर सिंह ऐरी जो कि टनकपुर के छीनीगोठ गांव का निवासी है। वही पुष्कर के टनल में फंसने की सूचना के बाद पुष्कर के पिता राम सिंह ऐरी व उनकी माताजी का बुरा हाल है। माता-पिता ने अपने बेटे की चिंता में जहां अन्य त्याग रखा है। वही मां का स्वास्थ्य भी बेटे की चिंता में लगातार खराब हो रहा है।
टनल में फंसे टनकपुर निवासी पुष्कर के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है तो वही वह अपने बेटे की सलामती की भगवान से दुआ मांग रहे हैं। वहीं उनकी माता अपने बेटे की सलामती को लेकर बेहद चिंताग्रस्त है। पुष्कर की मां अपनी सारी संपत्ति बेचकर उसकी धनराशि को रेस्क्यू अभियान में लगा सरकार से अपने बेटे व अन्य श्रमिको को सुरक्षित बाहर निकालने की गुहार लगा रही है।
वही पुष्कर के घर पुष्कर की सलामती की सुध लेने वालो का तांता लगा हुआ है। जबकि छीनी गोठ गांव की ग्राम प्रधान पूजा जोशी का कहना है कि वह सरकार से उनके माता-पिता व समस्त ग्रामवासियों की और से गुहार लगाती है की जल्द से जल्द पुष्कर व अन्य श्रमिको को टनल से बाहर निकाला जाए, ताकि अपने बेटे की चिंता में अन्न त्याग चुके पुष्कर के माता पिता को राहत मिल सके।
वही ग्राम प्रधान ने अभी तक हल्का पटवारी के अलावा तहसील स्तर के किसी भी बड़े अधिकारी के पुष्कर के घर पहुंच उनके माता पिता की हिम्मत बड़ाने के लिए ना पहुंचने की बात कही है। जबकि टनकपुर क्षेत्र सीएम धामी की विधानसभा में आता है, वही लगातार सीएम भी टनल में फंसे श्रमिको के परिजनों की हिम्मत बड़ाने व उनका ख्याल रखे जाने की बात कह रहे है। इसके बावजूद भी सीएम की बातो को नजरंदाज कर उनकी विधानसभा के एसडीएम सहित उच्च अधिकारियों के टनल में फंसे टनकपुर छीनी गोठ निवासी पुष्कर ऐरी के घर ना पहुंचना अधिकारियों की संवेदनहीनता को भी दर्शाता है।