थाने से सरकारी पिस्टल ही नहीं गायब है, बल्कि एक सिपाही भी 33 दिन से गैर हाजिर है। अब शक की सुई सिपाही पर घूम गई है। आखिरी बार पिस्टल उसे यह कहकर सौंपी गई थी कि बटेश्वर चौकी प्रभारी को दे देगा। चौकी प्रभारी का कहना है कि सिपाही ने उन्हें पिस्टल नहीं दी। कुछ दिन खुद लगाकर घूमता रहा। कहने लगा कि उसे ही मिली है। हैरानी की बात यह है कि मोबाइल के इस युग में में चौकी प्रभारी ने फोन करके जानने का यह प्रयास नहीं किया कि उन्हें पिस्टल क्यों नहीं दी गई।
आगरा के बाह थाने से सरकारी पिस्टल गायब होने के मामले में डीसीपी पूर्वी अतुल कुमार शर्मा ने सीओ बाह गौरव सिंह को जांच सौंपी है। उन्होंने छानबीन शुरू कर दी है। अभी तक यह माना जा रहा था कि पिस्टल चौकी प्रभारी बटेश्वर राजबाबू यादव से गायब हुई है। प्रारंभिक जांच में कुछ और ही तथ्य सामने आए हैं। नौ मई को लोकसभा चुनाव ड्यूटी समाप्त कर चौकी प्रभारी बटेश्वर ने पिस्टल और 10 कारतूस बाह थाने में जमा कराए। नौ मई को जीडी में तस्करा डालकर पिस्टल बटेश्वर चौकी पर तैनात सिपाही अमित कुमार को दी गई।
अमित कुमार को पिस्टल लेकर लोकसभा चुनाव के चौथे, पांचवें, छठवें व सातवें चरण के मतदान के लिए भेजा गया था। वह रायबरेली, हरदोई, आजमगढ़ गया था। 28 मई को अमित कुमार वापस लौटा। बाह थाने से पिस्टल और 10 कारतूस उसे यह कहकर सौप गए कि वह इन्हें चौकी प्रभारी राजबाबू यादव को दे दे। यही तस्करा थाने की जीडी में है। चौकी इंचार्ज राजबाबू यादव का कहना है कि अमित कुमार ने उन्हें पिस्टल नहीं दी। उनसे कहा कि पिस्टल चीता के लिए आवंटित हुई है।
सिपाही अमित कुमार पिस्टल लेकर घूमता रहा। 10 जून तक उन्होंने पिस्टल सिपाही के पास देखी थी। उसके बाद वह एक कार्यक्रम में शामिल होने छुट्टी लेकर गया। वापस लौटा तो परेशान था। 22 जून से सिपाही गैर हाजिर है। उन्होंने उससे संपर्क का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। इंस्पेक्टर बाह आप्पी सिंह का कहना है कि थाने के मालखीभ से पिस्टल गायब नहीं हुई है। एसीपी बाह गौरव सिंह का कहना है कि पिस्टल नहीं मिलने पर इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
एसीपी पूर्वी, अतुल कुमार शर्मा ने कहा कि जीडी में तस्करा डालकर पिस्टल दरोगा के लिए भेजना भी लापरवाही है। परवाही है। इस मामले में जिस-जिस की लापरवाही उजागर होगी उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। पिस्टल नहीं मिलेगी तो जल्द मुकदमा लिखाया जाएगा।