आगामी नौ फरवरी तक विभिन्न माध्यमों के जरिए लोगों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं। धामी सरकार ने महिला सशक्तिकरण, कृषि-बागवानी, युवा कल्याण और उद्योग सेक्टर में बजट में वृद्धि भी की है। वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 2416 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
केंद्रीय बजट की घोषणा के बाद उत्तराखंड के बजट की दिशा भी काफी कुछ तय हो गई। केंद्र की मोदी सरकार ने जिस प्रकार गरीब, युवा, किसान और महिला सशक्तीकरण पर फोकस किया है। प्रदेश की धामी की सरकार का बजट भी इन चार बिंदुओं को केंद्रित करेगा। इसके साथ ही राज्य गठन का रजत जयंती वर्ष होने की वजह से इस वर्ष का बजट कई मायनों में खास रहने वाला है।
उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष को खास बनाने के लिए सरकार बजट को भी उसी अनुरूप तैयार कर रही है। सूत्रों के अनुसार बजट में सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण, युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और कृषि सेक्टर में राहत देने वाली कुछ नई योजनाएं भी लांच कर सकती हैं।
रविवार को प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि निसंदेह राज्य का नया बजट हमेशा की तरह जनकल्याण की अवधारणा पर आधारित बजट होगा। केंद्र सरकार ने कुछ नई योजनाओं को शुरू किया है और कुछ में बजट प्रावधान को भी बढ़ाया है। राज्य के बजट में भी उसी के अनुसार व्यवस्था रखी जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य के बजट का स्वरूप तय करने के लिए प्रदेश के सभी वर्गों से लगातार बातचीत की जा रही है।
नारी सशक्तिकरण के लिए महिला कल्याण विभाग को 574 करोड़ तय किए गए। जबकि जेंडर बजट के रूप में 14 हजार 538 करोड रुपये का प्रावधान रखा गया। युवा कल्याण और शिक्षा विभाग भी बजट में सर्वाधिक बजट प्रावधान पाने वाले विभाग रहे हैं।