उत्तराखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत कई जिलों में गड़बड़ी सामने आई हैं। कई लाभार्थियों ने आवास योजना की पहली किस्त के रूप में मिले 60 हजार रुपये पचा लिए, लेकिन मकान की बुनियाद तक नहीं रखी। ऐसे लोगों से अब वसूली की तैयारी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसे लोगों को प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी में ऐसे आठ लोगों से वसूली की तैयारी की जा रही है।
पीएम ग्रामीण आवास बनाने के लिए प्रति लाभार्थी को 1 लाख 30 हजार तीन किस्तों में मिलते हैं। इसमें पहली किस्त के रूप में 60 हजार रुपये दिए जाते हैं। जबकि दूसरी में 40 हजार और अंतिम किस्त के रूप में 30 हजार रुपये दिए जाते हैं। हाल ही में पौड़ी पहुंचे आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग डीएस गर्त्याल ने जब समीक्षा की तो इस तरह के मामले पकड़ में आए।
डीआरडीए परियोजना निदेशक विवेक उपाध्याय का कहना है कि जिन लोगों ने आवास बनाने की किस्त ली और आवास नहीं बनाया, उनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। हालांकि एक बार फिर ऐसे सभी लोगों से आवास बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यदि उन्होंने आवास बनाने में रुचि दिखाई तो वसूली रोकते हुए उन्हें दूसरी किस्त दी जाएगी। पीडी के मुताबिक जिन लोगों ने आवास नहीं बनाएं, उनमें अधिकांश परिवारों की आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं है। इसमें एक परिवार ने तो आवास स्वीकृति के बाद पलायन कर दिया। जबकि एक की मौत हो गई।
आवास न बनाने वालों से वसूली की चेतावनी
हरिद्वार में 9103 लाभार्थी हैं जबकि 65 लोगों ने आवास नहीं बनाएं हैं। इन्हें नोटिस जारी कर दिया है। 18 आवास निर्माणाधीन हैं, जिन्हें इसी माह अक्तूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। टिहरी में इस योजना के तहत 3236 लाभार्थियों ने लाभ उठाया। इनमें आठ लोगों ने पहली किस्त लेने के बाद आवास नहीं बनाए। ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से इन सभी को वसूली की चेतावनी दी गई है। उत्तरकाशी में ऐसे 45 लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। जिला विकास अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि कुछ लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिनके भवन बनने अब संभव नहीं हैं।
कुमाऊं में 49 लाभार्थियों ने नहीं बनाए आवास
नैनीताल में प्रधानमंत्री आवास योजना के कुल लाभार्थी 2556 हैं। योजना का लाभ लेने वाले 61 लोगों ने अब तक आवास नहीं बनाए हैं। इनमें से 20 लोगों को वसूली के नोटिस भेजे गए हैं। यहां से तीन लाभार्थियों ने पलायन कर लिया गया है जबकि तीन के आवास दैवीय आपदा में बह गए हैं। वहीं, चंपावत में इस योजना के तहत 2796 लाभार्थी हैं। योजना का लाभ लेने वाले 12 लोगों ने आवास नहीं बनाए हैं। इनकी आरसी काटी गई है। अल्मोड़ा में 1782 में से 15 लोगों को वसूली के नोटिस भेजे गए हैं। इधर, बागेश्वर में 3178 लाभार्थियों में से दो को नोटिस भेजे जा रहे हैं।