नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने निकाय चुनावों के लिए जारी की गई आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना में मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सत्ता पक्ष के नेता और विधायक ही विरोध कर रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल भाजपा के कुछ नेता ही इस स्थिति को लेकर कोर्ट का रूख कर सकते हैं।
कांग्रेस भवन में मंगलवार को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में आर्य ने कहा कि जिस तरह से चुनाव को शुरुआत में ही प्रभावित करने की कोशिश हो रही है, यह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि आरक्षण की प्रक्रिया में मानकों की अनदेखी की गई है। उन्होंने प्रदेश में उद्यान घोटाले का भी जिक्र करते हुए भाजपा सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, लेकिन अब जानकारी सामने आ रही है कि सरकार सीबीआई के बजाए कुमाऊं कमिश्नर से जांच कराने जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले में संलिप्त चेहरों को बचाने की कवायद कर रही है।
आरक्षण को लेकर जनप्रतिनिधि दर्ज करने लगे आपत्तियां
निकायों में आरक्षण को लेकर जनप्रतिनिधियों की ओर से आपत्तियां दर्ज होने लगी हैं। नगर निगम देहरादून, नगरपालिका मसूरी में आरक्षण में बदलाव के बाद जो जनप्रतिनिधि चुनाव दौड़ से बाहर हो गए हैं उनमें से कई ने मंत्री विधायक कार्यालयों के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। वह अब खुलकर आरक्षण को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं। वहीं अफसरों को यह चिंता सता रही है कि यदि ज्यादा आपत्तियां दर्ज हुई तो उन्हें निस्तारण करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके अलावा
जिला प्रभारी बीस दिसंबर को करेंगे दावेदारों के साथ बैठक
देहरादून। जिला प्रभारी प्रकाश जोशी 20 दिसंबर को देहरादून में पार्षद पद के दावेदारों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान वह एक-एक दावेदार से अलग-अलग मिलकर राय जानेंगे। इसलिए प्रयास है कि सभी आवेदन 19 दिसंबर को हो जाएं। कांग्रेस इसके बाद प्रत्येक वार्ड का पैनल भी तय कर देगी।
