मृत शरीर को अग्नि मुक्ति देती है और अंतिम मुक्ति अस्थियों के विसर्जन से मिलती है, लेकिन रविवार देर शाम को चित्रशिला घाट पर न अग्नि से मुक्ति मिली और न ही पूर्ण मुक्ति के लिए अस्थियां बचीं। अचानक आए प्रवाह से नदी ने रौद्र रूप ले लिया, पानी घाट को स्पर्श करने लगा और नदी किनारे जल रहीं तीन चिताएं नदी के प्रवाह में विलीन हो गईं।
जानकारी के मुताबिक रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे चित्रशिला घाट में रोजाना की तरह रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर अंतिम संस्कार के लिए चिताएं जल रही थीं अचानक गौला नदी में पानी का बहाव बढ़ गया इस दौरान तीन जलती चिताएं देखते देखते पानी में बह गईं इस दौरान अंत्येष्टि को आए लोगों में चीखपुकार मच गई। बेबस लोग अपने परिचितों की अंतिम क्रिया भी पूरी होते नहीं देख सके।