पुलिस में पहली बार तीन ट्रांसजेंडर एसआई (दारोगा) बने हैं। बिहार पुलिस अधीनस्थ चयन आयोग (BPSSC) ने मंगलवार को सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। 1275 सफल उम्मीदवारों में से पहली बार और पटना उच्च न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए थर्ज जेंडर के तीन लोगों ने सफल हुए हैं।
आपको बता दें राज्य सरकार ने 4 फरवरी, 2021 को केंद्रीय चयन बोर्ड ऑफ कांस्टेबल (CSBC) और BPSSC को हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार थर्ड जेंडर की भर्ती करने के लिए कहा था। गृह विभाग ने मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की युगल पीठ के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था। जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार हर जिले में थर्ड जेंडर से एक सब-इंस्पेक्टर और चार कांस्टेबल तैनात करेगी।
2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की आबादी 10.41 करोड़ है, जिसमें 40,827 लोग तीसरे लिंग के हैं। यानी प्रति एक लाख आबादी पर 39 लोग ट्रांसजेंडर हैं। हलफनामे में गृह विभाग ने यह भी आश्वासन दिया था कि अगर थर्ड जेंडर की आबादी बढ़ती है तो राज्य सरकार थर्ड जेंडर के लिए एक अलग दस्ता या प्लाटून का गठन करेगी।
थर्ड जेंडर के सफल उम्मीदवारों में एक, भागलपुर की मधु कश्यप ने कहा कि समाज में समान व्यवहार किया जाना और पुलिस में सेवा करने का अवसर मिलना एक बहुत अच्छी अनुभूति थी। आम तौर पर, ऐसा नहीं है। हमें हीन महसूस कराया जाता है, लेकिन हम जानते हैं कि हम अलग हैं, लेकिन दूसरों की तरह ही हैं। मैं बहुत खुश हूं और पूरे समय मेरा मार्गदर्शन करने और प्रोत्साहित करने के लिए अपने शिक्षक को धन्यवाद देता हूं।
एसआई भर्ती परीक्षा में कुल 1275 अभ्यर्थी सफल हुए, जिनमें 822 पुरुष और 450 महिलाएं शामिल हैं। लिखित मुख्य परीक्षा में 7623 अभ्यर्थी सफल हुए थे और उनका सत्यापन 10-19 जून तक पटना में पूरा हुआ था। 7623 में से 6788 अभ्यर्थी ही सत्यापन के लिए उपस्थित हुए। अंतिम चरण के लिए 3727 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया और 1275 का चयन किया गया।
बीपीएसएससी के अध्यक्ष केएस द्विवेदी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से चली और बिना किसी परेशानी के इसे है। कुल 1275 उम्मीदवारों में से पूरा करना बहुत संतुष्टिदायक है। कुल 275 अनुसूचित जाति से, 16 एसटी, 238 अत्यंत पिछड़ा वर्ग से, 107 पिछड़ा वर्ग से, 82 पिछड़ा वर्ग (महिला), 111 आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से हैं।