पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने अंतरधार्मिक जोड़ों के लिव इन में रहने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि समाज ऐसे जोड़ों को कभी मान्यता नहीं देता। ऐसे रिश्तों से कौमी सौहार्द्र बिगड़ता है और ये पारिवारिक विघटन की वजह बनते हैं।
काशीपुर के पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि यूसीसी को मद्देनजर रखते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लिव इन में रहने वाले अंतरधार्मिक जोड़ों को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वह न्यायालय के आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन उनकी चिंता भविष्य में लिव इन को लेकर पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव को लेकर है।
हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन समाज इन कुरीतियों को स्वीकार नहीं करेगा। ऐसे रिश्तों में धोखे और सामाजिक बिखराव का भय बना रहता है। इससे आने वाली पीढी के भविष्य पर प्रभाव पड़ता है और उन्हें इसके लिए जीवन भर पछताना पड़ता है। ऐसे रिश्तों में बंधे लोगों को समाज खुले मन से स्वीकार नहीं करता है।