सीनियर कमांडर से अभद्रता के आरोप के बाद नौकरी से बर्खास्त हुए सीआरपीएफ के जवान को दोबारा नौकरी पर रखने के नाम पर उनके परिजनों से 32 लाख की ठगी करने के आरोपी को पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ वर्ष 2023 में मुकदमा दर्ज किया था, वही आरोपी के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था। बुधवार को पुलिस ने आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया।
बाजपुर कोतवाल मनोज रतूड़ी ने बताया कि वर्ष 2023 में बाजपुर के ग्राम नंदपुर नरका टोपा निवासी नीतू अग्रवाल पत्नी राजेश अग्रवाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उनका भाई आदेश कुमार सीआरपीएफ में तैनात थे। नौकरी के दौरान उनके भाई आदेश पर अपने सीनियर कमांडेंट से अभद्रता का आरोप लगा था। जिसके बाद उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
इसके बाद उसके भाई को दोबारा नौकरी दिलाने के लिए भाई के दोस्त संतोष राम पुत्र स्व. बली राम निवासी बराओं जिला रोहतास बिहार ने नीतू अग्रवाल को फोन कर कहा कि वह उनके भाई को दोबारा नौकरी दिला सकता है, लेकिन उसके लिए 25 लाख खर्च होंगे। आरोप लगाया कि नीतू ने पहले ही 1 लाख नकद दिए, उसके बाद अलग-अलग तरह से करीब 32 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए, पर दोबारा नौकरी नहीं मिली। इस दौरान आदेश कुमार की मौत हो गई थी। उसके बाद नीतू की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत मुकद्मा दर्ज कर लिया और पुलिस लगातार आरोपी को तलाश कर रही थी। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।
एक टीम आरोपी को पकड़ने बिहार रवाना हो गई। टीम ने उसके घर दबिश दी, जहां से आरोपी संतोष राम भाग गया। पुलिस ने इसका पीछा करते हुए बरेली बाईपास बिहार से उसे गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ बाजपुर ले आई। बुधवार को उसको न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। टीम में कोतवाल मनोज रतूड़ी, एसएसआई विनोद फर्त्याल, एस आई देवेंद्र मनराल, एएसआई सुनील सिंह, जगदीश कोठियाल, इंदू राणा मौजूद रहे।