बाजपुर में आईलेट्स और ओवरसीज सेंटरों का जाल बना हुआ है। जहां अवैध रूप से चल रहे आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालक भोले भाले लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी को अंजाम देते है और कई मासूम बच्चे विदेश में फसकर रह जाते है। इतना ही नहीं आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालकों के खिलाफ कई बार पीड़ित लोग शिकायत भी कर चुके है, लेकिन क्षेत्र में आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर अवैध रूप से धड़ल्ले से चल रहे है और लोगों को विदेश भेजने के नाम पर चूना लगा रहे हैं। लोगों के साथ हो रही लगातार धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम होता देखने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ऐसे आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालकों पर कोई कार्यवाही करते नजर नहीं आ रहे हैं।
बता दे कि लोग अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए एक एक पैसा जोड़कर क्षेत्र में बने आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालकों को देते है, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि जिन लोगों पर वह भरोसा कर रहे है वह लोग उनके साथ खेल रहे है और उनकी खून पसीने की कमाई को हड़पने का जाल बना रहे है, लेकिन जब तक लोगों को उनके साथ अवैध आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालकों द्वारा ठगी किए जाने की जानकारी होती है, तब तक बहुत देर हो गई होती है। क्योंकि तब तक आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालक या तो अपनी दुकान बंद कर फरार हो जाते हैं या अपनी जगह किसी अन्य व्यक्ति को उसे दुकान का ठेका दे देते हैं। इतना ही नहीं यह अवैध आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालक बच्चों को विदेश में भेज कर उनकी जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ करते हैं।
बाजपुर में अवैध रूप से चल रहे ओवरसीज और आईलेट्स सेंटर के संचालकों द्वारा लोगों के साथ की गई धोखाधड़ी के मामले कई बार बाजपुर कोतवाली में भी आ चुके हैं, लेकिन जब भी आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालकों के खिलाफ पुलिस के पास मामला आता है तो यह ओवरसीज और आईलेट्स सेंटर के संचालक शिकायतकर्ता के साथ पैसों का सेटलमेंट कर लेते हैं। जिसके बाद शिकायतकर्ता अपनी शिकायत को वापस ले लेता है और पुलिस ऐसे आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर के संचालकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाती है।
आपको बता दें कि बाजपुर क्षेत्र के अंदर करीब 40 से अधिक अवैध रूप से आईलेट्स और ओवरसीज सेंटर संचालित हो रहे हैं। जहां दोराहा, रामराज रोड, नैनीताल रोड, बैरिया रोड, अनाज मंडी रोड, मुख्य बाजार सहित विभिन्न स्थानों पर ऐसी दुकानें संचालित हो रही है। जो लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगने का काम कर रहे हैं। इन दुकानों की जानकारी विभागीय अधिकारियों को होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं। जिससे प्रतीत होता है कि लोगों के साथ ठगी करने वाले ऐसे दुकानदारों को किसी न किसी का संरक्षण प्राप्त है। जिससे इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।