बिजली बिल न चुकाने वालों के घर आग लगा दो, अधीक्षण अभियंता का बैठक में निर्देश

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बिजली विभाग से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बिजली विभाग की बैठक में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के विद्युत वितरण मंडल द्वितीय के अधीक्षण अभियंता धीरज कुमार जायसवाल ने बिजली का बकाया नहीं देने वालों के घर आग लगाने का खुला निर्देश अफसरों और कर्मचारियों को दे दिया। अधीक्षण अभियंता का निर्देश सुनकर बिजली अधिकारी और कर्मचारी भी सकते में रह गए। वर्चुअल हो रही बैठक का वीडियो वायरल हुआ तो सनसनी फैल गई। वीडियो बुधवार को एमडी ईशा दुहन तक पहुंचा तो उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए अधीक्षण अभियंता को निलंबत कर दिया है। उन्हें मुख्य अभियंता वितरण मुरादाबाद कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। ईशा दुहन ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं के प्रति अमर्यादित और अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

अधीक्षण अभियंता धीरज जायसवाल अपने जूनियर्स के साथ सोमवार को वर्चुअल मीटिंग ले रहे थे। बिजली विभाग के बकाया बिल को लेकर जेई और एई से ब्योरा लिया जा रहा था। बिजली बिल का काफी बकाया होने पर धीरज ने सवाल पूछ लिया।

इस पर जूनियर ने कहा कि कई उपभोक्ताओं के घर बंद हैं। उनके घरों में ताले लगे हुए हैं। उनके यहां जाओ तो मकान पर ताला मिलता है। जिनके नाम पर कनेक्शन है वह दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं। इस वजह से बकाया वसूली नहीं हो पा रही। फोन करते हैं तो वह बाहर होने की बात कहते हैं। इस पर धीरज ने कहा- घर बंद हैं तो घर में आग लगा दो।

बिजली बकाया के लिए किसी के घर में आग लगाने का निर्देश अधिकारी के मुंह से सुनते ही जूनियर चौंक गए। इसका वीडियो भी रिकॉर्ड हो गया। पहले विभाग के लोगों के बीच और बाद में सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया।

पीवीवीएनएल प्रबंधन तक वीडियो पहुंचा तो इसे गंभीरता से लिया गया। प्रबंध निदेशक ईशा दुहन ने अधीक्षण अभियन्ता विद्युत वितरण मण्डल-प्रथम सहारनपुर धीरज कुमार जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया।

ईशा दुहन ने बताया कि पूर्व मे भी वर्चुअल माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठकों में भी अवगत कराया गया है कि अधिकारी, कर्मचारी उपभोक्ताओं के प्रति नैतिक, सौम्य आचरण एवं मर्यादित भाषा का प्रयोग सुनिश्चित करें। एमडी ने कहा है कि डिस्कॉम के लिये उपभोक्ता सर्वोपरि है। उपभोक्ताओं के प्रति सही आचरण न करने तथा अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने पर, अधिकारियों/कर्मचारियों की जवाब-देही सुनिश्चित की जाएगी, आदेशों की अवहेलना, उपभोक्ताओं के प्रति अमर्यादित व अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर कड़ी से कडी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

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