‘मां देख… ऋषिकेश पुलिस ने मुझे बचा लिया, तूने तो झाड़ियों में फेंक दिया था’

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मां देख… ऋषिकेश की पुलिस ने मुझे बचा लिया। तेरे मुझे झाड़ियों में फेंकने के बाद चीटियों ने मुझे चारों तरफ से घेर लिया था, लेकिन मैंने तेरी तरह हिम्मत नहीं हारी और नन्हा सा प्राण होने के बावजूद मैं लड़ा और ऋषिकेश की पावन धरती पर दाग लगने से बचा लिया। अगर ये नन्हीं सी जान बोल सकता तो यही शब्द बोलता। ऋषिकेश पुलिस ने इस नवजात बच्चे को हॉकी ग्राउंड की झाड़ियों से रेस्क्यू किया।

बच्चे को झाड़ियों में फेंका

अब मैं एम्स ऋषिकेश में भर्ती हूं और पूरी तरह स्वस्थ हूं। मां तू मुझे कब झाड़ियों में फेंककर गई इसकी तो मुझे याद नहीं लेकिन मैं दर्द से रोया-चीखा बहुत। तभी सुबह करीब साढ़े पांच बजे आईडीपीएल स्थित हॉकी ग्राउंड में मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने मेरे रोने की आवाज सुन ली। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिसकर्मी पहुंचे। उन्होंने झाड़ियों से मुझे बाहर निकाला। मेरे शरीर पर चीटियां रेंग रही थीं उन्हें साफ किया। मेरी हालत देखकर तुझे भले ही तरस न आया हो लेकिन पुलिस वाले भी पसीज गए।

सब तुझे कोस रहे थे लेकिन मैं रोता रहा ताकि उनका ध्यान मेरी तरफ आए और तुझे गाली न मिले। इसके बाद वे कपड़े में लेपेटकर मुझे एम्स ऋषिकेश लाए। मुझे यहां निक्कू वार्ड में भर्ती किया गया है। मैं अब स्वस्थ हूं। मेरा नया ठिकाना क्या होगा मुझे पता नहीं है लेकिन जो भी होगा उन झाड़ियों से बेहतर होगा जहां तू मुझे फेंक गई थी। हां मां एक बात और तेरी आखिरी निशानी नाल जो तूने मेरे शरीर से अलग नहीं की थी वो डॉक्टरों ने अलग कर दी है।

आईडीपीएल चौकी प्रभारी विनय शर्मा ने कहा, एम्स ऋषिकेश में भर्ती नवजात बालक स्वस्थ है। डॉक्टरों की विशेष टीम बच्चे की देखभाल में जुटी है। नाबालिग बालक के माता-पिता की पहचान होने पर उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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