लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में अब मिनी विधानसभा चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। योगी सरकार में दो मंत्रियों और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत नौ विधायक सांसद का चुनाव जीत गए हैं। नियम के अनुसार दोनों में से कोई एक सीट उन्हें अब छोड़नी होगी। जो भी सीटें खाली होंगी उन पर उपचुनाव होगा। अखिलेश यादव के अलावा अन्य विधायकों का पद छोड़ना तय है। अगर अखिलेश भी कुछ समय के लिए सांसद बने रहना चाहते हैं तो उनकी विधानसभा करहल में भी उपचुनाव कराना होगा। जिस तरह से सपा ने भाजपा की डबल इंजन सरकार को यूपी में परास्त कर भाजपा को बहुमत से केंद्र में रोक दिया है, माना जा रहा है कि विधानसभा सीटों का चुनाव बेहद रोचक होगा। सपा को साबित करना होगा कि लोकसभा चुनाव में मिला जनसमर्थन तुक्का नहीं है। एमवाई ही नहीं यूपी का पीडीए अब उनके साथ आ चुका है। वहीं, भाजपा के पास अपनी खोई प्रतिष्ठा को वापस पाने का मौका होगा।
यूपी में 13 विधायकों और चार विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। इनमें से एक विधान परिषद सदस्य योगी के मंत्री जितिन प्रसाद और अखिलेश यादव समेत आठ विधायकों ने जीत हासिल की और सांसद बन गए हैं। लोकसभा चुनाव में विजयी होने वाले एकमात्र एमएलसी उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद हैं। जितिन प्रसाद ने पीलीभीत लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। जितिन के अलावा हाथरस सीट से राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान बाल्मीकि ने जीत हासिल की। अनूप प्रधान अलीगढ़ जिले के खैर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
विधायक से सांसद बनने वालों में पहला नाम अखिलेश यादव का ही आता है। मैनपुरी की करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा के सुब्रत पाठक को 1,70,922 मतों के अंतर से हराया है। इसके अलावा मुरादाबाद के कुंदरकी से सपा विधायक जियाउर रहमान ने संभल लोकसभा सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा। उन्होंने भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी को 1,21,494 मतों से हराया।
अंबेडकरनगर के कटेहरी से सपा विधायक लालजी वर्मा ने अंबेडकर नगर लोकसभा सीट पर भाजपा के रितेश पांडे को 1,37,247 मतों के अंतर से हराया है। प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल फूलपुर लोकसभा सीट 4,332 मतों के अंतर से जीतकर सांसद बन गए हैं। इसी तरह गाजियाबाद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अतुल गर्ग ने गाजियाबाद लोकसभा सीट 3,36,965 मतों से जीती है।
मिर्जापुर की मझवां सीटे से निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद ने भाजपा के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट 44,072 मतों के अंतर से जीती है। मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट से उतरे राष्ट्रीय लोकदल के विधायक चंदन चौहान ने बिजनौर लोकसभा सीट 37,508 मतों से जीती।
इन मंत्रियों विधायकों को नहीं मिली सफलता
लोकसभा चुनाव हारने वाले एक अन्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह हैं। दिनेश प्रताप रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से 3,90,030 मतों के अंतर से हार गए हैं। उत्तर प्रदेश के अन्य एमएलसी सकेत मिश्रा हैं। वह श्रावस्ती सीट से सपा के राम शिरोमणि वर्मा से 76,673 मतों से हार गए। बहुजन समाज पार्टी के एमएलसी भीमराव अंबेडकर को हरदोई सीट से भाजपा के जयप्रकाश के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा।
मैनपुरी सदर सीट से विधायक और उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव से 2,21,639 मतों के अंतर से हार गए। महराजगंज जिले के फरेंदा से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी ने महराजगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था मगर वह केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी से 35,451 मतों से हार गए।
बिजनौर जिले के नहटौर से भाजपा विधायक ओम कुमार आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर से 1,51,473 मतों से हार गए। मिर्जापुर जिले के छानबे से अपना दल (सोनेलाल) की विधायक रिंकी कोल रॉबर्ट्सगंज (एससी) सीट से सपा के छोटेलाल से 1,29,234 वोटों से हार गईं। लखनऊ (मध्य) से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से 1,35,159 वोटों से हार गए।
विधानसभा उपचुनाव में सीटें बंटी, लोकसभा में सपा सबसे आगे
लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए विधानसभा उपचुनावों में भाजपा और सपा में सीटें बंट गई हैं। भाजपा ने लखनऊ-पूर्वी और ददरौल (शाहजहांपुर जिले में) विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की, जबकि सपा गैसड़ी और दुद्धी विधानसभा क्षेत्रों में विजयी हुई। समाजवादी पार्टी ने राज्य की 80 में से सबसे अधिक 37
लोकसभा सीटें जीतीं हैं। उसकी सहयोगी कांग्रेस को छह सीटें मिलीं हैं। भाजपा ने पिछली बार से करीब आधी केवल 33 सीटें मिल सकी हैं। जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल (सोनेलाल) ने क्रमशः दो और एक सीट जीती। एक सीट भीम आर्मी के प्रमुख और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आजाद ने जीती है।