उत्तराखंड में रिश्वत लेने के मामले में अफसरों से अधिक कर्मचारी हैं। इस बात की पुष्टि विजिलेंस के सालभर के भीतर की गई कार्रवाई के आंकड़े बयां कर रहे हैं। इस साल तीन अफसरों और 16 कर्मचारियों सहित कुल 19 लोगों को विजिलेंस ने रिश्वत लेने रंगेहाथ गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया है। यह पूरा हैरान करने वाला मामला
कुमाऊं परिक्षेत्र का है। विजिलेंस के निदेशक डॉ.वी. मुरुगेशन ने मंगलवार को हल्द्वानी कार्यालय में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि वैध कार्य के लिए कोई अफसर या कर्मचारी लोगों से रिश्वत की मांग कर रहा है तो इसकी शिकायत सतर्कता अधिष्ठान के हेल्पलाइन नंबर 1064 पर करें। जांच में आरोप सही पाए गए तो संबंधित को सलाखों के पीछे पहुंचाना विजिलेंस का काम है।
उन्होंने यहां साल 2024 में विजिलेंस की कार्रवाई की जानकारी दी। डॉ. मुरुगेशन ने बताया कि साल 2024 में जनवरी से 31 दिसंबर तक 1064 हेल्पलाइन नंबर पर कुल 108 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से जांच के बाद सिर्फ 16 शिकायतें सही पाई गईं।
विजिलेंस की टीम ने इन 16 शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 19 अफसर-कर्मचारियों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया। इनमें से तीन अधिकारी राजपत्रित जबकि 16 अराजपत्रित हैं। 15 मामलों में विवेचना के बाद आरोप पत्र विजिलेंस ने न्यायालय में जमा किए हैं।
विजिलेंस के सीओ अनिल मनराल ने बताया कि राज्य गठन के बाद 2024 में सबसे अधिक कुमाऊं में 19 लोग ट्रैप हुए हैं। इससे पहले 2022 में सात और 2023 में नौ लोगों पर रिश्वतखोरी के मामले में कार्रवाई की गई थी।
इसके अलावा सेक्टर हल्द्वानी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस ने दो अभियोग दर्ज किए हैं। वर्तमान में ट्रैप सहित कुल पांच मामलों में विवेचनाएं चल रही हैं। पांच प्रकरणों में खुली जांच चल रही है। अधिकारियों ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को रिश्वत के लिए कोई अफसर या कर्मचारी दबाव बना रहा है तो तत्कात विजिलेंस को सूचित करें।

