मस्जिदों की पंचायत में कहा गया कि शादियों में डीजे का शोर माहौल खराब कर रहा है। युवाओं को पथभ्रष्ट कर रहा है। ये मानते हुए गंजडुंडवारा स्थित गांव पचपोखरा की सात मस्जिदों के प्रमुखों ने सादगीपूर्ण निकाह की पहल की है। उन्होंने फैसला लिया कि गांव में समुदाय के किसी भी शादी समारोह में डीजे बजाया गया तो निकाह न तो पढ़ा जाएगा, न पढ़ने दिया जाएगा।
समुदाय के लोगों का मानना है कि, डीजे बजने से न केवल शोर शराबा होता है बल्कि युवा पीढ़ी पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। डीजे पर नाचने के दौरान तरह-तरह की घटनाएं सामने आती हैं। पंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गांव में मुस्लिम समुदाय में यदि कोई भी शादी समारोह में डीजे बजाता है तो गांव की सातों मस्जिदों के मौलाना निकाह नहीं पढ़ेंगे।
फैसले पर लोगों ने जताई सहमति
उत्तर प्रदेश के कासगंज की सात मस्जिदों के मौलानाओं और ग्रामीणों के बीच पंचायत में यह भी कहा गया कि यदि कोई बाहर से अन्य गांव से कोई मौलाना निकाह पढ़ने आते हैं तो उन्हें पहले पंचायत के फैसले और गांव में बनाई गई व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए निकाह नहीं पढ़ने देने की सलाह देंगे। करीब दो घंटे तक चली इस पंचायत में गांव के लोगों ने भी फैसले के पक्ष में अपनी बात रखी। पंचायत में इस फैसले पर समुदाय के सभी लोगों ने भी अपनी सहमति जताई।
ग्राम प्रधान पचपोखरा (गंजडुंडवारा) अफजल नवी ने कहा कि गांव में शादियों में डीजे बजने पर युवा पीढ़ी में लड़ाई झगड़े होने की घटनाएं हो जाती हैं। माहौल खराब हो रहा है, इन बातों को ध्यान में रखते हुए हमारे समुदाय के लोगों ने मौलानाओं की मौजूदगी में यह फैसला लिया कि गांव में शादी समारोह में डीजे नहीं बजाएंगे।
ये मौलाना व प्रमुख लोग मौजूद थे
मौलाना हम्माद हुसैन कासमी, मौलाना जुल्फिकार, हाफिज अब्दुल्ला बरकाती, हाफिज दुल्लबाज साहब, मौलाना अब्दुल खालिक, मौलाना अबू बकर इमाम, आजम तुल्ला खान, मौलाना मुशीर, मौलाना वकील अहमद, पीरजी बाबा, हाजी विकार, वाहिद खान, इश्तियाक मौलाना, ग्राम प्रधान अफजल नबी, शहादत, शाहिद, समसुल, अहमद, शाहिद आलम मौजूद रहे।