संभल में हिंसा के बाद पुलिस ने एक्शन तेज कर दिया है। सोमवार की दोपहर जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली को भी पुलिस ने उठाया है। उनको थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। जफर अली के साथ छह और लोगों को उठाया गया है। मस्जिद के अध्यक्ष को उठाने की जानकारी मिलने पर एक बार फिर इलाके में तनाव वढ़ गया है। बताया जाता है कि जफर अली ने हिंसा के बाद प्रेस काफ्रेंस करके सर्वे के दौरान हुई बातों को सार्वजनिक किया है। इसी को लेकर उन्हें हिरासत में लेने की बात कही जा रही है। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार जफर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गौरतलब है कि रविवार को कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वे करने के दौरान जमकर बवाल हो गया था। पथराव, फायरिंग में चार युवकों की मौत हो गई थी। पुलिस वालों समेत कई लोग घायल हो गए थे। इसी के बाद पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज कर दबिश तेज की थी।
हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज करके 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। कुल 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने संभल हिंसा मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज किये हैं जिनमें छह नामजद और 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा पांच मुकदमे कोतवाली थाने में और दो नखासा थाने में दर्ज कराए गए हैं।
उनका कहना था कि ये मुकदमे दारोगा शाह फैसल, उपनिरीक्षक दीपक राठी, उपजिलाधिकारी रमेश बाबू, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार, पुलिस अधीक्षक के जनसम्पर्क अधिकारी और संजीव कुमार नामक एक व्यक्ति ने दर्ज कराए हैं।
विश्नोई ने बताया कि वारदात की सीसीटीवी और अन्य वीडियो फुटेज का अध्ययन कर दंगाइयों की पहचान की जा रही है तथा दंगाइयों के बारे में सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल 22 लोग कोतवाली थानाक्षेत्र से और तीन नखासा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किये गये हैं तथा नखासा थानाक्षेत्र के गिरफ्तार किये गये तीन लोगों को विधिक कार्रवाई के तहत जेल भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरे से मिली फुटेज का अध्ययन कर लिया गया है तथा उनमें दिख रहे लोगों की तस्वीरें बनवाई जा रही है। उनके अनुसार बलवाइयों की पहचान के लिये इन तस्वीरों को प्रसारित किया जाएगा।