उत्तराखंड में अगले साल यानी 2025 में पहली जनवरी से प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय पूरी तरह से डिजिटल मोड में काम करेंगे। सभी सरकारी कार्यालयों को किसी भी सूरत में इस तिथि तक ई-ऑफिस मोड में काम शुरू करना होगा।
इसके बाद बिना ई-ऑफिस के माध्यम से बिना ई- हस्ताक्षर के न तो कोई पत्र जारी किया जा सकेगा और न ही कोई फाइल आगे बढ़ेगी। इस संबंध में शासन की ओर से सभी विभागों को सख्त आदेश जारी किए गए हैं।
प्रदेश सरकार इस समय डिजिटल उत्तराखंड पर विशेष फोकस किए हुए है। मकसद यह कि एक क्लिक के जरिये ही आमजन को विभागों की जानकारी और योजनाओं का लाभ मिल सके। वर्तमान में कुल 722 सरकारी कार्यालयों में से 584 कार्यालयों को शत- प्रतिशत ई-ऑफिस में बदला जा चुका है।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (आईटीडीए) की ओर से इस संबंध में तेजी से कार्यवाही की जा रही है। आईटीडीए की ओर से सभी विभागों को पत्र जारी कर ई-ऑफिस की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय सहित प्रदेश के जनपदों के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि ई-ऑफिस पोर्टल पर फाइलों की समीक्षा, प्रसंस्करण एवं संचरण को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए फाइलों का तेजी से निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा टेंडर, कार्यों की निगरानी जैसे काम भी ऑनलाइन किए जाएं।
शत-प्रतिशत डिजिटल होगा कामकाज
प्रदेश में ई-गवर्नेस, ई-डिस्ट्रिक्ट, ई-हेल्थ, टेली मेडिसन, ई-एजुकेशन, ई-बैंकिंग, ई-नाम जैसी योजनाएं चल रही हैं। इनमें प्रमाण पत्र बनाने से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग और किसानों को फसल बेचने के लिए उचित प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का काम चल रहा है। अब ई- कैबिनेट के जरिये कैबिनेट बैठकें भी ऑनलाइन की जा रही है। ऐसे में सरकार अब शासकीय कामकाज को शत-प्रतिशत डिजिटल मोड में लाना चाहती है।
सरकार का उद्देश्य है कि आम जनता के सरकारी कार्यालयों में सरल तरीके से और तेजी से काम हों। सरकारी कार्यालयों को शत-प्रतिशत ई-ऑफिस में बदलने से पारदर्शिता आएगी, जवाबदेही बढ़ेगी और डेटा सुरक्षित रहेगा। इसके लिए विभागों को अगले साल पहली जनवरी तक शत-प्रतिशत ई-ऑफिस अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।
आनंद बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव वित्त