भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और आए दिन ऑनलाइन ठगी का शिकार होने वाले आम लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। पहले चरण में 250 साइबर कमांडो तैयार करने के लिए कानपुर और चेन्नई में तीन अक्टूबर को प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया। इसके लिए गोरखपुर के साइबर थाने में तैनात दरोगा उपेंद्र सिंह को भी चुना गया है। छह महीने की ट्रेनिंग के बाद सभी साइबर कमांडो के रूप में तैनात होंगे।
दरअसल, साइबर अपराध के मामले बढ़ने पर केंद्रीय गृहमंत्री ने पांच हजार साइबर कमांडो तैयार करने का निर्देश दिया था। इसी के बाद कानपुर और चेन्नई में पहले चरण में साइबर एक्सपर्ट पुलिस वालों का चयन कर ट्रेनिंग शुरू कराई गई है। अब छह माह तक साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए विभिन्न तरीकों की जानकारी दी जाएगी। ट्रेनिंग में जो पुलिसकर्मी आए हैं, उनमें अधिकतर सब इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल शामिल हैं। इन पुलिस कर्मियों को स्पेशल किट और टैबलेट भी दिए गए हैं। इन्हीं टैबलेट पर वह पांच माह तक लगातार आठ घंटे की क्लास करेंगे। इसके बाद जब वह अपने अपने राज्यों में थानों पर पहुंचेंगे तो वह वहां पर एक साइबर योद्धा के तौर पर काम करेंगे।
साइबर कमांडो को मिलेंगी यह जानकारियां
साइबर एक्सपर्ट दरोगा उपेंद्र सिंह ने बताया कि आमजन के बीच जो साइबर फ्रॉड की घटनाएं हो रही हैं, उनमें मुख्य रूप से डिजिटल अरेस्ट, क्रिप्टो करेंसी, ऑनलाइन गैम्बलिंग, ईमेल फ्रॉड, एसएमएस फ्रॉड, डाटा स्टलिंग, रैनसमवेयर अटैक समेत कई अन्य फ्रॉड के तरीके शामिल हैं। पुलिस कर्मियों को साइबर योद्धा बनाने के दौरान 100 तरीके के साइबर फ्रॉड की जानकारी दी जाएगी। इससे भविष्य में किसी तरीके का साइबर फ्रॉड होता है तो साइबार योद्धा उसको पूरी तरीके से खत्म कर जो भी दोषी हो उन तक पहुंच सकें।
साइबर अपराधों की जांच करने में होंगे दक्ष
साइबर कमांडो मौजूदा साइबर अपराध सेल से एक महत्वपूर्ण उन्नयन का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि ये सेल मुख्य रूप से साइबर अपराधों की जांच और अभियोजन जैसे उपायों पर ध्यान केंद्रित करेगी। ट्रेंनिग प्रोग्राम में आईआईटी मद्रास में प्रोफेसर वी. कामकोटि, निदेशक, आईआईटी मद्रास द्वारा डॉ. संदीप मित्तल, आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), साइबर अपराध विंग, तमिलनाडु, कर्नल की उपस्थिति में ट्रेनिंग दी जा रही है।