एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक आरोपी ने मुजफ्फरपुर जिले की कोर्ट में पेशी के दौरान हथकड़ी में वीडियो बनवाया और फिल्मी गाने के साथ सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वीडियो में आरोपी को पुलिसकर्मी कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रहे हैं, जबकि एक महिला उसकी परिजन बताई जा रही है, जिसे रोते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान आरोपी ‘बादशाह’ गाने पर वीडियो बनवा रहा था, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर साझा किया गया।
हथियार के साथ रील्स का ट्रेंड हुआ पुराना
हाल के दिनों में देखा गया है कि युवा पहले हथियारों के साथ वीडियो बनाकर वायरल करते थे। लेकिन अब पुलिस अभिरक्षा में हथकड़ी के साथ रील्स बनाने का नया ट्रेंड शुरू हो गया है। अपराधी अब अपनी गिरफ्तारी को भी सोशल मीडिया पर ग्लैमराइज कर रहे हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
इस मामले में पुलिस के लिए भी यह एक गंभीर चुनौती बन रही है, क्योंकि यह ट्रेंड न केवल कानून के उल्लंघन को बढ़ावा दे रहा है बल्कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उजागर करने और पुलिस कस्टडी में अनुशासनहीनता को भी दर्शा रहा है।
अधिवक्ता ने बताया कानून का उल्लंघन
इस मामले पर अधिवक्ता सुबोध कुमार झा ने कहा कि न्यायालय परिसर में फोटोग्राफी और वीडियो बनाना प्रतिबंधित होता है। आरोपी द्वारा पुलिस कस्टडी में वीडियो बनवाना और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना आईटी एक्ट के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को तत्काल इस मामले में संज्ञान लेकर जांच करनी चाहिए कि यह वीडियो किसने बनाया और इसे सोशल मीडिया पर डालने का मकसद क्या था। साथ ही इस तरह कोर्ट के आदेश का मजाक उड़ाना भी न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
दोषियों पर हो सकती है कड़ी कार्रवाई
मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने वीडियो खुद बनाया या किसी अन्य व्यक्ति ने उसकी मदद की। अगर इसमें किसी पुलिसकर्मी की लापरवाही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई हो सकती है।