शादीशुदा प्रेमिका के साथ मिलकर उसके पति की हत्या करने के प्रयास में फरार चल रहे पांच हजार के इनामी प्रेमी को रानीपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। कोर्ट के आदेश पर ट्रेवल्स व्यवसाई अशोक कुमार निवासी कनखल ने कोतवाली रानीपुर में मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी पत्नी के संबंध उसकी देखभाल करने वाले विवेक विश्नोई उर्फ रवि पुत्र त्रिलोकी नाथ विश्वनोई निवासी गली नम्बर ए-9 सुभाषनगर ज्वालापुर से हो गए थे।
आरोप है कि पांच अप्रैल वर्ष 2021 में उसकी पत्नी ने दूध में नशे की दवाई मिलाकर दे दी थी, जिसके बाद वह अद्धमूर्छित हो गया था। आरोप है कि उसकी पत्नी और उसका प्रेमी उसे कार में डालकर गढ़मीरपुर की तरफ ले गए थे, जहां पत्नी ने चुन्नी से उसका गला घोटने की कोशिश की थी और गाड़ी चला रहे विवेक विश्नोई उर्फ रवि ने अपने हाथ से उसका मुंह दबाया था। विरोध करने पर उसने खिड़की खोलकर कूदना चाहा था लेकिन उसी वक्त गुजर रहे कुछ लोगों ने कार रुकवा ली थी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस उसे, उसकी पत्नी एवं उसके प्रेमी को सुमनगर चौकी ले गई थी लेकिन उसकी पत्नी को जाने दिया था और रवि को हवालात में बंद कर दिया था।
देर रात जब वह घर पहुंचा था तब उसकी पत्नी घर से सोने के जेवरात, लैपटॉप, रकम, चेकबुक, एटीएम कार्ड एवं नाबालिग बच्चों को लेकर फरार हो गई थी। इधर, पुलिस ने प्रेमी को छोड़ दिया था। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया था। कोतवाली प्रभारी रमेश तनवार ने बताया कि आरोपी रवि पर पांच हजार का इनाम घोषित किया गया था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
उसी चौकी ने छोड़ा, उसी ने की गिरफ्तारी
पांच हजार के इनामी रवि की गिरफ्तारी से सुमनगर चौकी पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। जिस घटना के संज्ञान में आने के बाद भी सुमनगर चौकी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं समझा, बाद में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर किया। यही नहीं पूरी वारदात के सही पाए जाने पर हत्थे नहीं चढ़े आरोपी रवि पर इनाम भी घोषित किया गया। साफ है कि उस वक्त चौकी पर तैनात रहे स्टाफ ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया, या फिर किसी अन्य वजह से पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। अब उसी चौकी की पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी भी कर दी।
उस वक्त चौकी पर तैनात रहे स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई होगी। आखिर क्यों उस वक्त कार्रवाई नहीं की गई। अगर उसी वक्त कार्रवाई की गई होती तो पीड़ित को शिकायत के लिए कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ता। इस संबंध में जांच कराई जाएगी, जिसके बाद लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होना तय है। अजय सिंह, एसएसपी