अब अपराधियों का बच पाना होगा मुश्किल, उत्तराखंड पुलिस कर रही यह कार्य..

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किसी भी अपराध को अंजाम देने वाले आरोपियों के लिए अब बच निकलना आसान नहीं होगा। उत्तराखंड पुलिस बदमाशों को दबोचने के लिए पुलिस फिंगर प्रिंट, रेटिना और आंखों की पुतली की स्कैनिंग का डाटाबेस तैयार करने की योजना बना रही है। जल्द ही कुमाऊं के सभी थानों में इस योजना को शुरू कर दिया जाएगा।

आपराधिक घटनाओं में जांच के दौरान फॉरेंसिक एक्सपर्ट को अपराधी के हाथों और पैरों की अंगुलियों के निशान प्राप्त हो जाते हैं, लेकिन अपराधियों के पकड़ में नहीं आने से इनका मिलान नहीं हो पाता है। इससे अपराधी बचने में कामयाब हो जाते हैं, लेकिन अब पुलिस हर घटना में शामिल अपराधियों की फोटो, पता, फिंगर प्रिंट, रेटिना, और आंखों की पुतली का डाटा ऑनलाइन अपलोड करेगी। इससे घटनास्थल पर मिले अंगुलियों को निशान को कंप्यूटर में अपलोड कर बदमाशों के फिंगर प्रिंट से मिलान किया जाएगा। मिलान होने पर असल आरोपी की पहचान की जा सकेगी।

आईजी के मुताबिक पुलिस ने आरोपियों और अपराधियों का डाटा तैयार करना शुरू कर दिया है। जल्द ही कुमाऊं के जिलों में यह प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मिलेगी फिंगर प्रिंट किट: आईजी डॉ. भरणे के मुताबिक आरोपियों के फिंगर प्रिंट लेने के लिए हर थाने में एक किट दी जाएगी। थाने लाए जाने वाले हर आरोपी के हाथों के निशान लेकर नाम पते के साथ डाटा बनाया जाएगा। यह प्रक्रिया कैदियों व बंदियों के साथ भी अपनाई जाएगी।

यह फायदा: अपराधियों के फिंगर प्रिंट के अलावा आंखों की पुतली और रेटिना का डाटा भी तैयार किया जाना है। इससे यह लाभ होगा कि पकड़े गए आरोपी की रेटिना और आंखों की पुतली की स्कैनिंग कर डाटा से मिलान होगा। इससे आरोपी का पूरी पहचान के साथ आपराधिक रिकार्ड का पता चल सकेगा।

अपराधियों के फिंगर प्रिंट, आंखों की पुतली के स्कैनिंग का डाटा ऑनलाइन होने से केस खोलने में मदद मिलेगी। जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी।
डॉ. नीलेश आनंद भरणे, आईजी कुमाऊं

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