सरकारी नौकरी मिल जाए तो काम करना चाहता कौन है, चाहे वह अधिकारी हो या फिर कर्मचारी। यह हकीकत उधम सिंह नगर में देखने को मिलती है, जहां अधिकारी सड़कों पर उतरकर कार्यवाही करने की जहमत तक नहीं उठाते हैं और जब कोई दुर्घटना घटित हो जाती है, तो उसके बाद उच्चाधिकारियों के सामने अच्छा बनने के लिए ताबड़तोड़ कार्यवाही कर देते हैं।
ऐसा ही मामला उधम सिंह नगर के सुल्तानपुर पट्टी में देखने को मिला है। जहां शुक्रवार को सुल्तानपुर पट्टी में स्कूली बच्चों से भरा एक ऑटो के पलट गया था, ऑटो के पलटने से 8 छात्र-छात्राएं घायल हो गए थे। जिससे पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया।
वहीं उच्चाधिकारियों के निर्देश पर काशीपुर एआरटीओ प्रवर्तन जितेंद्र चंद्र ने शनिवार को सुल्तानपुर पट्टी में चेकिंग अभियान चलाया। जहां चेकिंग के दौरान टीम ने 6 वाहनों का चालान किया और एक वाहन को चीज कर दिया। वही टीम ने दो वाहन चालको के ड्राइविंग लाइसेंस को निरस्त करने की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी है।
इस दौरान एआरटीओ प्रवर्तन जितेंद्र चंद्र ने बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। उत्तराखंड में पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं जिसके बाद अधिकारियों ने ताबड़तोड़ कार्यवाही की लेकिन अधिकारी समय रहते कार्यवाही क्यों नहीं करते हैं। इसकी समझ आज तक किसी को नहीं आई है। जिससे लगता है कि सत्ता में बैठे नेताओं का संरक्षण अधिकारियों को मिलता है और अधिकारी सड़कों पर उतरने की जगह कार्यालय में बैठकर आंखें बंद कर लेते हैं।