देहरादून नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से बॉडीगार्ड बस्ती में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। आठ घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान जेसीबी से रिस्पना नदी के किनारे ग्यारह मार्च 2016 के बाद अवैध रूप से बने चिन्हित मकानों को ध्वस्त किया गया।
स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बीच ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रही। जाखन वार्ड स्थित बॉडीगार्ड बस्ती में सुबह ठीक साढ़े नौ बजे के आसपास टीम तबर्रवाई करने पहुंची। नदी से सटे कुछ मकानों पर, जहां जेसीबी नहीं जा सकी, वहां हथौड़े से कर्मचारियों ने मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया।
मौके पर विरोध करने के लिए एकत्रित लोगों को पुलिस ने कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी तो वे बैकफुट पर आ गए। एक बुजुर्ग महिला ने रोते हुए कहा कि मकान बनाने में जीवनभर की कमाई खर्च हो गई। उन्होंने कार्रवाई नहीं करने की अपील की।
लेकिन, बारी-बारी से अन्य चिन्हित किए गए ग्यारह मकानों को ध्वस्त किया गया। टीम को पक्के मकान ध्वस्त करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि यहां पर बस्ती में नगर निगम के भूमि अनुभाग ने पहले 31 मकान चिन्हित किए थे।
जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों के अनुरोध के बाद जांच की गई, जिसके बाद बीस मकान सूची में रखे गए। दोबारा जांच के बाद ग्यारह मकान चिन्हित किए गए, जिनको अब ध्वस्त कर दिया गया है। नगर निगम, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम में नगर आयुक्त गौरव कुमार, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल सहित पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
मकान ढहते देख रो पड़े बच्चे, सामान टूटा
संयुक्त टीम ने जेसीबी से जैसे ही मकानों को ध्वस्त करना शुरू किया, आसपास खड़े बच्चे अपना मकान टूटता देख रोने लगे। एक बड़े दो मंजिला मकान में तो फ्रिज, कूलर समेत काफी सामान कार्रवाई के दौरान टूट गया। लोगों ने कहा कि कुछ दिन पहले ही मकान में आग लगने से काफी नुकसान हुआ था, अब जो नया सामान जुटाया था वह भी ध्वस्तीकरण के दौरान टूट फूट गया। लोगों ने कहा कि सामान हटाने का परिवार को कुछ समय मिलना चाहिए था।
पार्षदों के तो बस्ते जमा हो गए, उनको क्या लेना देना
कार्रवाई के दौरान मौके पर विरोध करने पहुंची महिलाओं ने कहा कि इस अभियान को रुकवाने के लिए निवर्तमान पार्षद क्यों मौके पर नहीं आ रहे। इसके जवाब में दूसरी महिला ने कहा कि उनके तो कई महीने पहले ही बस्ते जमा हो गए।
उनको घर ध्वस्त होने से कोई लेना देना नहीं है। वहीं एक दिव्यांग व्यक्ति ने कहा कि आज तुम किसी का घर टूटते हुए तमाशा देख रहे हो, कल तुम्हारा घर टूटेगा तो और लोग भी तमाशा देखेंगे। पुलिस ने लोगों को शांत रहने की हिदायत दी।
अवैध मकानों को कैसे मिले बिजली कनेक्शन
बस्तीवासियों का कहना था कि अवैध रूप से बने हुए मकानों को बिजली-पानी के कनेक्शन नहीं देने चाहिए। पहले लोग कच्चा निर्माण कर रहना शुरू करते हैं। कनेक्शन मिलने के बाद पक्का निर्माण करवाते हैं। लाखों खर्च कर मकान पर पक्की छत डाल दी। अब उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सरकारी जमीनें बेचने वालों पर दर्ज हों केस
बस्तियों में सौ रुपये के स्टांप पेपर पर लाखों रुपये में सरकारी जमीनों का सौदा करने वाले बिचौलियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग उठ रही है। दीपनगर के बाद जाखन में भी यह बात सामने आई है कि सरकारी जमीन को बिना किसी डर के आगे लोगों को झांसा देकर बेचा जा रहा है। कुछ लोगों ने तो दो से तीन जगह प्लॉट ले रखे हैं, जिस पर घर दुकान बनाए जा रहे हैं। बस्ती के कुछ वरिष्ठ नागरिक बोले, नगर निगम सख्त कार्रवाई करे।
जनप्रतिनिधियों को सुनाई खरी-खरी
मकान ध्वस्त होते देख लोगों ने जनप्रतिनिधियों के प्रति अपनी कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पहले बसाते हैं, फिर घर उजड़ने पर कोई देखने तक नहीं आता है। एक महिला ने कहा कि अब कोई चुनाव में वोट मांगने आएगा तो उसे टूटे हुए मकान दिखाएंगे। साथ ही वोट नहीं करने की बात कही। उनका कहना था कि जनप्रतिनिधियों को अपना दायित्व निभाना चाहिए।
अब एमडीडीए की ओर से होगी कब्जों पर कार्रवाई
देहरादून नगर निगम के स्तर से करीब सत्तर कच्चे पक्के निर्माण को ध्वस्त करने का काम पूरा हो गया है। एमडीडीए ने जिन 412 मकानों को चिन्हित किया है, उनमें से ऐसे मकान अब ध्वस्त होंगे, जो 11 मार्च 2016 से पहले बने होने का साक्ष्य उपलब्ध नहीं करवा पाएंगे। कुछ मकानों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। प्रशासन की कार्रवाई से लोग बुरी तरह से सहमे हुए हैं।
डालनवाला थाने के पास सरकारी जमीन खाली कराई
नगर निगम की डालनवाला थाने के पास करीब साढे चार बीघा खाली भूमि है। यहां कुछ लोग झोपड़ियां बनाकर लंबे समय से रह रहे थे। नगर निगम को शिकायत मिली थी कि कुछ लोगों ने पहले सड़क किनारे फिर सरकारी जमीन पर निर्माण शुरू कर दिया। शुक्रवार को जेसीबी से झोपड़ियों को हटवाया गया। नगर आयुक्त ने बताया कि जमीन के चारों और सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। अवैध निर्माण हटाकर नगर निगम के स्वामित्व के बोर्ड लगवाया जाएगा।