लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद भी चूके अजय भट्ट, प्रोमोशन की जगह डिमोशन की क्या वजह?

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निवर्तमान केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री एवं लगातार दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए अजय भट्ट केंद्र सरकार में मंत्री बनने से चूक गए। माना जा रहा था कि वीआईपी सीट पर लगातार दूसरी बड़ी जीत का उन्हें पार्टी हाईकमान से बड़ा पुरस्कार मिल सकता है।

भट्ट समर्थकों को उम्मीद थी कि इस बार केंद्रीय मंत्रीमंडल में उन्हें प्रमोशन के साथ स्थान मिल सकता है, लेकिन बाजी मार ले गए अल्मोडा सांसद अजय टम्टा। निवर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लगातार दूसरी बार 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को नैनीताल ऊधमसिंह नगर सीट पर भाजपा को सबसे बड़ी जीत दिलाई।

वीआईपी सीट नैनीताल ऊधमसिंह नगर से भाजपा की जीत की हैट्रिक कराने वाले भट्ट ने रिकॉर्ड 7,72,671 वोट हासिल किए। इसके चलते उन्होंने उत्तराखंड में सर्वाधिक 3,34,548 वोटों के अंतर से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया।

भट्ट की इस उपलब्धि और केंद्र में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी का अनुभव होने के कारण क्षेत्र के लोगों को उन्हें केन्द्रीय कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद थी। बावजूद इसके भट्ट इस बार एनडीए सरकार की केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं बना पाए। इससे उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं में निराशा है।

कई बड़े पदों पर रह चुके हैं भट्ट

विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले अजय भट्ट ने 1980 में भाजपा की सक्रिय सदस्यता हासिल की। वह 1996 में रानीखेत सीट से पहली बार चुनाव जीतकर यूपी विधानसभा पहुंचे। उत्तराखंड में बनी भाजपा की अंतरिम सरकार में वह कैबिनेट मंत्री बने।

उन्होंने रानीखेत सीट से 2002 और 2012 में भी चुनाव जीता। वह लगातार दो बार उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष रहे। मई 2012 से 15 मार्च 2017 तक नेता प्रतिपक्ष रहे। वर्ष 2019 में उन्होंने नैनीताल संसदीय सीट पर रिकॉर्ड जीत हासिल की। वह केंद्र में रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री भी बने।

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