बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर बाजपुर के ग्राम रतनपुरा में चल रहा विवाद अब हल होता दिखाई दे रहा है। शनिवार को कोर्ट के आदेश पर एसडीएम राकेश तिवारी ने गांव के प्राईमरी स्कूल में ग्रामीणों से संयुक्त वार्ता की। इस वार्ता में ग्रामीणों ने अपने अपने पक्ष रखे। वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से साफ कहा है कि वह भी कोर्ट में जायेंगे और जब तक इस मुद्दे का कोई सार्थक हल नहीं निकलता है तब तक प्रशासन ग्राम सभा में कोई भूमि उपलब्ध कराये जिस पर प्रतिमा को लगाया जा सके। इसके बाद एसडीएम ने तहसीलदार को तत्काल भूमि चिंहित करने के निर्देश दिये।
एसडीएम राकेश तिवारी शनिवार को प्रशासनिक अमले के साथ ग्राम रतनपुरा में पहुंचे। जहां पर उन्होंने ग्रामीणों के साथ बैठक की। इस दौरान एसडीएम ने ग्रामीणों से इस मामले को लेकर अपने अपने पक्ष रखने की बात कही जिस पर रतनपुरा की ग्राम प्रधान परमजीत कौर ने कहा कि इस पूरे मामले में ग्रामीण सही हैं और लंबे समय से ये भूमि खाली है ऐसे में इस भूमि पर ग्रामीणों का हक बनता है।
वहीं बीडीसी मेंबर प्रदीप कुमार ने कहा कि जिस दिन इस भूमि पर माफिया कब्जा करने आये थे उस दिन ग्रामीणों ने उनका पुरजोर विरोध किया था। आरोप लगाया कि इसकी शिकायत पुलिस को दी गई लेकिन पुलिस ने उल्टा ग्रामीणों पर ही मुकद्मे कर दिये। गांव के बुजुर्ग राजकिशोर ने एसडीएम को बताया कि 1988 ये जमीन ग्रामीणों के नाम कर दी गई थी। बोला गया था ग्रामीण यहां अपने उपयोग के अनुसार मंदिर या धर्मशाला बना ले। जिस पर ग्रामीणों ने यहां बाबा साहेब की मूर्ति लगा दी।
ग्रामीण विक्की सिंह ने कहा की ये जमीन गांव के हित में दान दी गई थी पूरे विश्व में बाबा साहिब की मूर्ति से किसी को आपत्ति नहीं लेकिन भारत में मूर्ति पर आपत्ति होगी ऐसा नहीं सोचा था वहीं उन्होंने कहा कि किसी का भी आदेश हो मूर्ति नही हटेगी। वहीं लोगों के पक्ष सुनने के बाद एसडीएम राकेश तिवारी ने कहा कि चूंकि मामला कोर्ट में चल रहा है और कोर्ट का आदेश है कि 10 जुलाई तक यहां से प्रतिमा को हटाना है ऐसे में ग्रामीणों को विश्वास में लेकर कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि ग्रामीण भी चाहें तो अपना पक्ष कोर्ट में रख सकते हैं।
बैठक में तहसीलदार अक्षय भट्ट, एसएसआई विनोद फर्त्याल, एलआईयू प्रभारी ललित गोस्वामी, सुनील कुमार, राजकिशोर, मन्नू सिंह, मोहन दिवाकर, मनोज, संदीप कुमार, गंगा सरन समेत अनेकों ग्रामीण मौजूद रहे।