उत्तराखंड: नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के आरोपी को 20 साल की सजा

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नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म के दोषी को बीस साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड देने की सजा हुई है। एफटीएससी पॉक्सो की अदालत ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अपना निर्णय दिया।

मामला उधम सिंह नगर का है जहां विशेष लोक अभियोजक उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि थाना सितारगंज निवासी एक व्यक्ति ने तहरीर देकर बताया था कि उसकी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी पढ़ती है। वर्ष 2015 से सितारगंज का रहने वाला युवक सागर हल्दार बेटी का पीछा करता रहता है और प्यार का इजहार किया तो बेटी ने पढ़ाई करने की बात कहते हुए इंकार कर दिया।

आरोप था कि वर्ष 2016 में युवक ने बेटी को अपने प्रेम जाल में फंसाया और घुमाने के बहाने रुद्रपुर स्थित अपने किराए के मकान में ले गया। जहां आरोपी ने बेटी को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर दुष्कर्म किया और अश्लील फोटो भी खींची।बताया कि इस घटना की जानकारी तब हुई जब आरोपी ने बेटी के सहेली के मोबाइल पर फोटो वायरल की। जब फोटो की जानकारी हुई तो पूरे घटनाक्रम की भनक लगी। बताया कि किशोरी से पूछे जाने पर पता चला कि युवक ने धोखा देकर उसकी अश्लील फोटो खींची और ब्लैकमेल कर जबरन दुष्कर्म करता रहा। मुकदमा पंजीकृत होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। प्रकरण की सुनवाई एफटीएससी पॉक्सो एवं अपर सत्र न्यायाधीश संगीता रानी की अदालत में हुई।

बताया कि इस घटना की जानकारी तब हुई जब आरोपी ने बेटी के सहेली के मोबाइल पर फोटो वायरल की। जब फोटो की जानकारी हुई तो पूरे घटनाक्रम की भनक लगी। बताया कि किशोरी से पूछे जाने पर पता चला कि युवक ने धोखा देकर उसकी अश्लील फोटो खींची और ब्लैकमेल कर जबरन दुष्कर्म करता रहा। मुकदमा पंजीकृत होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। प्रकरण की सुनवाई एफटीएससी पॉक्सो एवं अपर सत्र न्यायाधीश संगीता रानी की अदालत में हुई।

जहां विशेष लोक अभियोजक रमेश कुमार गुप्ता ने अदालत के सामने आठ गवाह पेश किए और अदालत ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद दुष्कर्म के दोषी सागर हल्दार को 20 साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई।

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