पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी एवं शकील बिन हनीफ को ईसा मसीह और इमाम मेहदी या नबी कह कर प्रचारित करने वालों के खिलाफ देहरादून में बड़ा अभियान चलेगा। मस्जिदों एवं मदरसों से इसके लिए जागरूकता अभियान छेड़ा जाएगा। वहीं, ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
रविवार को जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से आजाद कॉलोनी सना मस्जिद में शहर के उलमा एवं मस्जिदों के इमामों की वर्कशॉप आयोजित की गई। जिसमें मुफ्ती मौलाना राशिद मजाहिरी ने ट्रेनिंग दी। उन्होंने इस्लाम, शरीयत और तहफ्फुज ए खत्म ए नबुवत के बारे में आने वाली परेशानियों का कैसे सामना एवं समाधान करें, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद साहब आखिरी रसूल व नबी है, उनके बाद कोई नया रसूल या नबी दुनिया में नही आएगा, यही तमाम मुसलमानों का अकीदा है, अगर कोई इस अकीदे के बाहर जाकर, किसी व्यक्ति को नबी या रसूल मानता है, तो वह इस्लाम से खारिज माना जाएगा। शकील बिन हनीफ को ईसा मसीह और इमाम मेहदी या नबी कह कर प्रचारित करना पैगंबर मुहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी है और कुरआन की शिक्षाओं के खिलाफ है।
इस दौरान जमीयत के जिला अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी, उपाध्यक्ष मास्टर अब्दुल सत्तार, हाफिज शाहनजर, खुर्शीद अहमद, मौलाना अब्दुल मन्नान, मुफ्ती वासिल, मुफ्ती अयाज कासमी, मौलाना रागिब मजाहिरी, मौलाना अब्दुल वाजिद, कारी राव आरिफ, कारी शावेज, कारी एहसान, समाजसेवी तौसीफ अहमद आदि मौजूद रहे।