‘स्वर्ग’ से आकर कोई पिता अपने बेटे को फॉर्च्यूनर कार का तोहफा दे सकता है। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा। दरअसल, रियल एस्टेट कारोबारी देवेंद्र सिंह के पिता अच्छेलाल की चार जून 2022 को मौत हो गई थी। अच्छेलाल ने दो शादियां की थीं। पहली शादी से देवेंद्र तो दूसरी शादी से जैनेंद्र सिंह हैं। एक फॉर्च्यूनर कार अच्छेलाल के नाम पर थी पर यह उनके बड़े बेटे देवेंद्र के पास थी।
छोटे बेटे जैनेंद्र ने कूटरचित तरीके से पिता को जिंदा बताकर दूसरे व्यक्ति को खड़ा किया और पिछले साल जुलाई में कार अपने नाम करा ली। देवेंद्र को इसका पता चला तो उन्होंने बीते सोमवार को आरटीओ में शिकायत की। दफ्तर में हडकंप मचा और कार का पंजीयन ब्लैक लिस्टेड करक दोनों को नोटिस जारी करके 22 अगस्त को अपना-अपना पक्ष रखने को तलब किया गया है।
35 आनंदपुरी, ट्रांसपोर्टनगर निवासी अच्छेलाल की मौत होने के एक साल बाद उनकी दूसरी पत्नी के बेटे जैनेंद्र सिंह ने पिता के नाम पर रजिस्टर्ड फॉर्च्यूनर कार यूपी-78-ईजे-5007 को दलाल और दफ्तर से सेटिंग करके अपने नाम करा ली। इनके बड़े बेटे देवेंद्र ने पिछले महीने एकाएक आरटीओ एप पर चेक किया तो पिता की जगह सौतेले भाई जैनेंद्र के नाम पर कार चढ़ी दिखी। देवेंद्र का दावा है कि वारिस पत्र उनके नाम पर जारी हुआ है।
देवेंद्र ने बताया कि पहले आरटीओ अपने स्तर से जालसाजी करने वाले पर मुकदमा लिखाए वरना वह जालसाज के खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखाएंगे। एआरटीओ प्रशासन कानपुर नगर आलोक कुमार ने बताया कि दिवंगत अच्छेलाल के दोनों बेटों देवेंद्र और जैनेंद्र सिंह को नोटिस देकर 22 अगस्त को अपना-अपना पक्ष रखने को तलब किया है। दोषियों पर कार्रवाई होगी।