बचपन पर अब भारी नहीं पड़ेगा स्कूल बैग का बोझ, शिक्षा विभाग ने बस्ते के वजन को लेकर नए मानक किए  लागू

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उत्तराखंड के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को रोजाना बस्ता भरकर किताब-कापियां स्कूल नहीं ले जानी होंगी। शिक्षा विभाग ने बस्ते के वजन को लेकर तय नए मानकों को लागू कर दिया है।

उपनिदेशक-बेसिक शिक्षा एसएस चौहान ने सभी सीईओ और डीईओ को कक्षा एक से बारह तक के लिए तय वजन का मानक जारी किया है। इसे सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए गए हैं। बेसिक से माध्यमिक स्तर तक बस्ते का अधिकतम वजन 1.6 किलो से लेकर अधिकतम पांच किलो तक ही हो सकता है।

मालूम हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार सरकार महीने में एक दिन बस्ता रहित दिन की व्यवस्था लागू कर चुकी है। बस्ते के वजन को लेकर भी काफी मशक्कत की जा रही थी। स्कूलों में बच्चों पर बस्ते के बढ़ते बोझ की वजह से स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव पड़ रहा है।

इसे देखते हुए छात्र की आयु, उसके औसत वजन के अनुसार बस्ते का भार तय करने का निर्णय किया गया था। हाल में सरकार ने शिक्षा विभाग के बस्ते के वजन में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए नए मानक तय कर शिक्षा विभाग को इसे लागू करने के आदेश दिए हैं।

वजन 1.6 किलो से लेकर अधिकतम

पांच किलो तक ही हो सकता है। मालूम हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार, सरकार महीने में एक दिन बस्तारहित पढ़ाई की व्यवस्था लागू

कर चुकी है। बस्ते के वजन को लेकर काफी समय से मशक्कत की जा रही थी। स्कूलों में बस्ते के बढ़ते बोझ का बच्चों के स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव पड़ रहा है। इसे देखते हुए छात्र की आयु और उसके औसत वजन के अनुसार बस्ते का

भार तय करने का निर्णय किया गया था। हाल में सरकार ने शिक्षा विभाग के बस्ते के वजन में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए नए मानक तय कर शिक्षा विभाग को इसे लागू करने के आदेश दिए हैं।

1. बेसिक स्तरः

कक्षा  वजन/किलो

कक्षा 01 1.6-2.2

कक्षा 02 1.6-2.2

कक्षा 03 1.7-2.5

कक्षा 04 1.7-2.5

कक्षा 05 1.7-2.5

  1. जूनियर स्तर

कक्षा 06 2-3

कक्षा 072-3

कक्षा 08 2.5-4

  1. माध्यमिक स्तर

कक्षा 09 2.5-4.5

कक्षा 10 2.5-4.5

कक्षा 11 3.5-5

कक्षा 12 3.5-5

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