हाल ही में मसूरी में नौशाद अली और हसन अली को चाय के बर्तन में थूकने और उस चाय को ग्राहकों को पिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि ‘देवभूमि उत्तराखंड में धर्मांतरण, थूक जिहाद और जमीनों पर अवैध अतिक्रमण नहीं चलेगा।’ अब सीएम धामी ने खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा है कि यदि कोई ऐसा कुकृत्य करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सीएम के निर्देश के बाद पुलिस महानिदेशक की ओर से सूबे के पुलिस अधिकारियों के लिए एक गाइडलाइन जारी हुई है।
उत्तराखंड के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार की ओर से अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि होटल और ढाबों आदि जगहों पर पेय एवं खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाएं सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। इनका सीधा संबंध स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग से है। कानून व्यवस्था के लिहाज पुलिस की कार्रवाई भी जरूरी हो जाती है। इन घटनाओं को देखते हुए होटल/ढाबा आदि संस्थानों में काम करने वालों का शत-प्रतिशत सत्यापन करने का निर्देश दिया जाता है।
उत्तराखंड के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और समस्त जनपदों को निर्देश दिए कि वे होटल, ढाबा एवं खानपान से जुड़े अन्य व्यवसायिक संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों का शत-प्रतिशत सत्यापन सुनिश्चित करें। साथ ही इन संस्थानों के रसोई घरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने पर जोर दिया जाए। यही नहीं खुले में खोखा, रेहड़ी जैसी खाने पीने की दुकानें चलाने वाले कारोबारियों पर विशेष नजर रखने के लिए स्थानीय अभिसूचना इकाई की सहायता ली जाए।
गश्त एवं पैट्रोलिंग के समय इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाए। जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग से संपर्क कर के होटल, ढाबा आदि व्यवसायिक संस्थानों में औचक चैकिंग की जाये। खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर धारा 274 BNS के साथ ही 81 उत्तराखण्ड पुलिस एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाये। यही हीं यदि आरोपी के कृत्य से धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी मसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो तो BNS की सुसंगत धाराओं 196 (1) (बी) अथवा 299 के अन्तर्गत भी ऐक्शन लिया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उक्त दिशा-निर्देश को अपने एक्स हैंडल से साझा किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा है कि किसी भी पेय अथवा खाद्य पदार्थ में थूकने जैसे दुष्कृत्य करने वालों के लिए देवभूमि उत्तराखंड में कोई जगह नहीं है। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिए जा रहे हैं कि यदि कोई इस तरह का कुकृत्य करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। दिशा-निर्देश में जन-जागरूकता अभियान चलाए जाने पर भी जोर दिया गया है।