उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सल्ट में हुए भीषण बस एक्सीडेंट के बाद भी न तो प्रशासन चेता, न बस संचालक होश में आए और न ओवरलोड बसों में बैठ रहे यात्री ही संभले हैं। बुधवार को भवाली पुलिस ने 28 सीटर निजी बस में 43 सवारियां पकड़ीं।
हैरानी की बात यह है कि जगह-जगह चेकिंग के दावों के बावजूद यह बस बागेश्वर से करीब 137 किलोमीटर सफर तय कर भवाली तक पहुंच गई। सल्ट में 36 लोगों की मौत के बाद मंगलवार को हर जिले में पुलिस और आरटीओ अलर्ट नजर आए। जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया गया।
भवाली पुलिस ने चेकिंग के दौरान बागेश्वर से हल्द्वानी जा रही बस (यूके 04 पीए 5050) को रोका। इसमें क्षमता से 15 सवारियां अधिक मिलीं। बस को सीज करने के बाद पुलिस ने यात्रियों को अन्य वाहनों से रवाना किया। आरटीओ प्रवर्तन डॉ. गुरुदेव सिंह ने बताया कि विभाग की दो टीमें लगातार ओवरलोड वाहनों की जांच कर रही हैं।
किसी थाने और चौकी पर नहीं हुई चेकिंग
यह निजी बस तीन जिलों से गुजरी। बागेश्वर से ताकुला तक 45 किमी के दायरे में एक थाना और एक कोतवाली है। ताकुला के पास से ही अल्मोड़ा जिला शुरू होता है। अल्मोड़ा की सीमा क्वारब से आगे चोपड़ा तक (47 किमी) है।
इस हिस्से में एक चौकी, एक कोतवाली और एक बैरियर है। जबकि, नैनीताल जिला लगते ही चोपड़ा के पास पुलिस की क्वारब, खैरना और कैंची चौकी है। यहां भी करीब 45 किमी की दूरी पर भवाली तक कोई चेकिंग नहीं की गई।
94 वाहनों में ओवरलोडिंग मिली
अल्मोड़ा में हुए बस हादसे के बाद परिवहन विभाग ने ओवरलोडिंग और ओवर स्पीड के खिलाफ देहरादून संभाग के पर्वतीय मार्गों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया। दो दिनों तक चले अभियान में 290 वाहनों के चालान किए गए। इसमें 94 वाहन ओवरलोड मिले हैं, जिनमें क्षमता से ज्यादा सवारियां मिलीं।