सास-बहू का रिश्ता बेहद संवेदनशील माना जाता है। घरेलू कामकाज और छोटी-छोटी बातों पर विवाद अक्सर पुलिस के पास पहुंचते हैं। अब इस रिश्ते में सोशल मीडिया के लिए बनने वाली रील्स नई कड़वाहट घोल रही है।
हल्द्वानी के महिला सेल में लगातार बढ़ते ऐसे मामले इसकी तस्दीक करते हैं। बहुओं का रील्स बनाना सास को अखर रहा है। दूसरी तरफ बहुएं कह रहीं हैं कि सास को उनकी प्रसिद्धि नहीं पच रही है। इन सबके बीच पुलिस और घर के पुरुष अनावश्यक परेशान हो रहे हैं।
हल्द्वानी थाने में महिला सेल पर आने वाले पारिवारिक विवादों की पड़ताल में पता चलता है कि हर पांचवीं शिकायत अब सास और बहू के विवाद से जुड़ी है। दस माह में इन विवादों में नया ट्रेंड रील्स का जुड़ा है।
पुलिस के मुताबिक इस दौरान 50 ऐसे मामले सामने आए जहां सास बहुओं के रील्स बनाने से परेशान हैं। काउंसलिंग में सासों का कहना था कि पुरुषों के काम पर जाने के बाद बहुएं कामकाज छोड़ रील्स बनाने में व्यस्त हो जाती हैं। इस कारण बच्चे-बुजुर्गों की दिनचर्या का भी ध्यान नहीं रखतीं।
रील्स के कारण दवा, लंच सबका समय बिगड़ रहा और घर की शांति भंग होती है। इसके उलट बहुओं का कहना है कि रील्स बनाना उनका शौक ही नहीं अधिकार भी है। उन्हें बेवजह परेशान किया जाता है। जबकि सास उन पर अनावश्यक काम का बोझ डालना चाहती हैं।
पति को दे रहीं मायके में बस जाने की चेतावनी
हल्द्वानी में कई ऐसे मामले हैं, जहां रील्स बनाने को लेकर पति ने आपत्ति जताई तो पत्नी उन्हें मायके में बस जाने की चेतावनी दे रही हैं। दस महीने में ऐसे 15 केस सामने आए हैं, जिसके बाद महिला सेल ने दोनों के बीच आपसी समझौते कर मामले का निपटारा कराया है।
महिला सेल काउंसिलिंग कर मामले का निपटारा कर रहा
सास-बहुओं के बीच रील्स को लेकर हो रही बहस न सिर्फ थाने तक पहुंच रही है, बल्कि कई केसों में रजामंदी न हो पाने पर मामले कोर्ट भी जा रहे हैं। हल्द्वानी में पांच से ज्यादा केस कोर्ट पहुंच चुके हैं। हालांकि, रील्स विवाद में महिला सेल काउंसिलिंग कर निपटारा कर रहा है।
रील्स बनाने को लेकर सास व बहुओं के रिश्तों में कड़वाहट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। महिला सेल काउंसिलिंग कराकर समाधान भी कर रहा है।
सुनीता कुंवर, प्रभारी महिला सेल, कोतवाली, हल्द्वानी