उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पुलिस और जिला प्रशासन को उत्तरकाशी में जामा मस्जिद के आसपास कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश जारी किया है। हिंदुवादी संगठनों द्वारा मस्जिद को गिराने की मांग के बाद तनाव पैदा हो गया था।
22 नवंबर को दिए गए आदेश में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ ने उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इलाके में कानून व्यवस्था पूरी तरह से बनी रहे और किसी भी तरह का कोई सांप्रदायिक तनाव पैदा न हो।
अदालत इस मामले की 27 नवंबर को फिर से सुनवाई करेगी। अल्पसंख्यक सेवा समिति की ओर से हस्तक्षेप करते हुए हिंदुवादी संगठनों द्वारा मस्जिद को गिराने की मांग के खिलाफ मस्जिद की सुरक्षा की मांग की है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि हिंदुवादी संगठनों से जुड़े लोग मस्जिद को गिराने की लगातार मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, मस्जिद के बारे में भ्रांतियां भी फैला रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने हिंदुवादी संगठन से जुड़े नेताओं की ओर से मुस्लिम समजा के लोगों के खिलाफ हेट स्पीच पर भी कार्रवाई की मांग है। विदित हो कि पिछले महीने अक्तूबर में 55 साल पुरानी मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर दक्षिणपंथी समूहों द्वारा निकाली गई रैली के बाद उत्तरकाशी में हिंसा भड़क उठी थी।
अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता, पल्लवी बहुगुणा, रफत मुनीर अली, इरुम ज़ेबा और इमरान अली खान ने याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व किया। अधिवक्ता राकेश कुमार जोशी ने उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व किया। अधिवक्ता सौरव अधिकारी ने भारत संघ का प्रतिनिधित्व किया।