संभल जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट अब सीलबंद लिफाफे में ही पेश की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ट्रायल कोर्ट को सर्वे विवाद में फिलहाल कोई ऐक्शन न लेने का निर्देश जारी करने के साथ ही सर्वे रिपोर्ट की गोपनीयता कायम रखने की भी बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि का सर्वे करने वाले एडवोकेट कोट कमिश्नर की रिपोर्ट को फिलहाल सीलबंद लिफाफे में रखा जाए। कोर्ट ने मस्जिद मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन की बेच में चल रही कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि मस्जिद कमेटी टायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती है। टायल कोर्ट की सुनवाई को लेकर फैसला हाईकोर्ट ही लेगा।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ कोर्ट कमिश्नर को संभल जामा मस्जिद का सर्वे करने का निर्देश देने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। संभल जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने टायल कोर्ट के 19 नवंबर के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
कमेटी ने कहा था कि सिविल जज ने हिंदू पक्ष की याचिका पर बिना उसका पक्ष सुने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया है। 19 नवंबर को ही एडवोकेट कमिश्नर सर्वे ने मस्जिद का सर्वे किया। 24 नवंबर को दूसरी बार इसका सर्वे किया गया। इस दौरान लोगों में आशंका फैली जिसके चलते 24 नवंबर को संभल में हिंसा हुई। इसमें चार लोगों को जान गंवानी पड़ी। कई घायल भी हुए।
मस्जिद कमेटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील हुजैफा अहमदी ने अंतरिम राहत की मांग की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट में अपील दाखिल करें। हाईकोर्ट उसे तीन दिन के अंदर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पास भी मामले को लंबित रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से छह जनवरी से शुरू हो रहे सप्ताह में इसे सूचीबद्ध करने को कहा है। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट से अपनी कार्यवाही फिलहाल रोकने और हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करने को कहा है। यह भी कहा है कि यदि कोर्ट कमिश्नर ने अपनी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है तो उसे गोपनीय रखा जाए। फिलहाल सीलबंद लिफाफे में ही रखा जाए।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने संभल में शांति व्यवस्था कायम रखने को जरूरी बताया है। कहा है कि प्रशासन वहां शांति व्यवस्था बनाए रखे और कुछ अवांक्षित न होने दें।