पुलिस ने कई राज्यों में सक्रिय बाल तस्करी के गिरोह को पकड़ा है। यह गिरोह लड़कियों को बहका-फुसलाकर दूसरे प्रदेशों में ले जाकर उनका सौदा कर देता था। लड़कियों की या तो शादी कराई जाती थी अथवा उनको नौकरानी के रूप में किसी रईस को बेच दिया जाता था। शनिवार को उत्तर प्रदेश के बलिया में पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए आरोपी एक किशोरी समेत चार लोगों को पकड़ा है। पुलिस ने पूछताछ के बाद सभी का चालान कर दिया।
इलाके के अलग-अलग जगहों से दो किशोरियां एक महीने के अंदर संदिग्ध रूप से लापता हो गईं। एक का मुकदमा 29 दिसम्बर 2024 तथा दूसरी के परिजनों ने 22 जनवरी 2025 को अज्ञात पर एफआईआर दर्ज कराई। किशोरियों के यूं अचानक गायब हो जाने से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं थीं। इस बीच पुलिस अपनी छानबीन कर रही थी। इसी दौरान एक किशोरी की मां कुछ दिनों पहले बलिया के एसपी के पास पहुंची।
उसने एसपी को बताया कि उसकी बेटी ने फोन कर कहीं पर बंधक बनाए जाने की जानकारी दी है। पुलिस कप्तान ने इस मामले की जांच मनियर पुलिस को करने का निर्देश दिया। छानबीन में जुटी पुलिस ने तहकीकात किया तो पता चला कि किशोरी को राजस्थान के पाली में बंधक बनाया गया है।
पुलिस ने इलाके के गौरा बगही (गंगापुर) निवासी मोहन यादव, पाली (राजस्थान) जनपद के सदर थाना क्षेत्र के धमलक्ष्मी नगर निवासी अशोक कुमावत तथा पाली के ही ट्रांसपोर्ट नगर थाना क्षेत्र के सुंदरनगर निवासी किशन भाटी को गिरफ्तार कर लिया। इनके साथ क्षेत्र की एक अन्य किशोरी को भी पकड़ा गया है जो गिरोह से जुड़ी हुई थी। एसपी ओमवीर सिंह ने बताया है कि घर से नाराज बच्चियों को प्रलोभन देकर आरोपी दूसरे प्रांत ले जाकर उनका सौदा कर देते थे। खरीदार उनसे शादी करते थे अथवा घरेलू काम कराते थे।