भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एंटी करप्शन की टीम लगातार जारी है। उत्तर प्रदेश के बरेली, संभल और कानपुर के बाद अब सहारनपुर से रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की टीम ने 10 हजार रिश्वत लेते मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक राकेश कुमार को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मृतक आश्रित कोटे से नौकरी की पत्रावाली पूरी करने की एवज में 50 हजार रुपये की मांग कर रहा था। मामले की शिकायत थाना गागलहेड़ी के गांव तिवाया निवासी मनोज ने एंटी करप्शन थाने में की। जिसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
देहात कोतवाली क्षेत्र के बेहट रोड निवासी शशिबाला स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के पद कार्यरत थीं, जिनकी चार वर्ष पूर्व कोरोना में मौत हो गई थी। शशिबाला की दो बेटी है। उनकी मौत के बाद बेटी को मृतक आश्रित में नौकरी मिलनी थी। आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक राकेश कुमार चार वर्ष से नौकरी के लिए उनके दस्तावेजों को पूरा नहीं कर रहा था। फाइल पूरी करने की एवज में 50 हजार रुपये की मांग कर रहा था। कई बार उसे रुपये भी दिए गए। उसके बाद भी पीड़ित का काम नहीं किया।
इससे परेशान आकर शशिबाला के दामाद नवादा निवासी मनोज कुमार ने एंटी करप्शन थाने में पहुंचकर शिकायत की। टीम ने वरिष्ठ सहायक को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और स्वास्थ्य विभाग में पहुंची। शुक्रवार को पीड़ित से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते वरिष्ठ सहायक राकेश कुमार को एंटी करप्शन टीम ने रंगेहाथ पकड़ लिया, जिसे लेकर टीम कोतवाली सदर बाजार पहुंची और और मुकदमा दर्ज किया। राकेश मूलरूप से जनपद बरेली के इज्जत नगर का रहने वाला है। सूत्र बताते हैं कि आरोपी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही शासन को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है।
एंटी करप्शन प्रभारी जसपाल सिंह ने बताया, वरिष्ठ सहायक रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। आरोपी मूलरूप से जनपद बरेली के इज्जत नगर का रहने वाला है। पांच नवंबर 1999 में वरिष्ठ सहायक की नियुक्ति हुई थी। 2021 में वरिष्ठ सहायक सहारनपुर तैनाती हुई थी। आरोपी के खिलाफ कोतवाली सदर बाजार में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।